-मशहूर कवि कैलाश गौतम की 75वीं जयंती पर हुआ आयोजन

PRAYAGRAJ: कविता में जीवन है मृत्यु नहीं, हंसी है, दुख नहीं। कविता में जीवन के आनंद को परिभाषित करने वाले मशहूर कवि कैलाश गौतम की जयंती का आयोजन शुक्रवार को किया गया। यह आयोजन सिविल लाइंस स्थित रेस्टोरेंट में किया गया। कैलाश गौतम की 75वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित अंधेरे-उजाले: अनवरत संघर्ष की कविताएं में प्रसिद्ध रचनाकारों को आमंत्रित किया गया था।

कविताओं पर बटोरीं तालियां

कार्यक्रम में आए लखनऊ के डॉ। नरेश कात्यायन ने 'अपनी रचना मां का अभिमान है बेटियां। बाप की जान है बेटियां। यह मरूस्थल से संसार में शांत उद्यान है बेटियां.' पंक्तियों को सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। अमन अक्षर ने 'सारा जग है प्रेरणा प्रभाव सिर्फ राम हैं, भाव सूचियां बहुत हैं भाव सिर्फ राम है.' गाकर राम भाव भक्ति से भर दिया। आजमगढ़ के विनम्र सेन ने 'अपने मरकज से अगर दूर निकल जाओगे। ख्वाब हो जाओगे अफसानों में ढल जाओगे.' गाकर अपनी रचना की प्रस्तुति दी। इसके अलावा डॉ। प्रकाश खेतान एवं कुमार विकास ने भी कविताओं का पाठ किया। इस मौके पर डॉ। प्रकाश खेतान को कैलाश गौतम सृजन सम्मान व कैलाश गौतम साहित्यनुरागी सम्मान दिया गया। चीफ गेस्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति पंकज मित्तल रहे। कार्यक्रम के संयोजक व संचालक श्लेष गौतम रहे। अतिथियों का स्वागत फूलचंद्र दुबे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अतुल यदुवंशी ने दिया। कार्यक्रम में प्रो। आरपी तिवारी, डॉ। अरुणकांत अमन वर्मा, शैलेश श्रीवास्तव, अरुण अग्रवाल, राजू मरकरी, डॉ संजय सिंह, अजीत सिंह, डॉ। सीपी शर्मा, अनुराग अरोरा, अभिनय कोहली आदि उपस्थित रहे।