सूरत (गुजरात) (एएनआई)। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी मर्डर केस की जांच कर रहे गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) के हाथ एक बड़ा सुराग लगा है। एटीएस ने पाया है कि हत्या के मामले में शामिल प्रमुख संदिग्धों में से एक ने मृतक कमलेश तिवारी से दोस्ती करने के लिए सोशल मीडिया पर एक फेक अकाउंट बनाया था।  

जून में रोहित सोलंकी नाम से अकाउंट

इस मामले में एक स्थानीय नेता जैमिन बापू ने गुजरात एटीएस को बताया है कि अशफाक नाम के एक शख्स ने इस साल जून में रोहित सोलंकी नाम से एक फेक फेसबुक  अकाउंट बनाया था।इसके बाद इस अकाउंट से कमलेश तिवारी को जोड़ा गया था। कमलेश 18 अक्टूबर को रोहित से मिलने वाले थे, जिस दिन उनकी हत्या हुई थी।

आरोपी कमलेश तिवारी को जानते थे

वहीं इससे पहले यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने भी कहा था कि आरोपी कमलेश को जानते थे, क्योंकि उन्होंने उन्हें मिठाई देने के बहाने लगभग 30 मिनट उनके साथ बिताए थे। हत्या विशुद्ध रूप से दो लोगों द्वारा की गई एक आपराधिक गतिविधि थी।मौलाना मोहसिन शेख (24), खुर्शीद अहमद पठान (23) और फैजान (21) - तीन आरोपियों को सूरत से गुजरात और यूपी पुलिस की ज्वाइंट टीम ने अरेस्ट किया है।

आरोपी 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर

अहमदाबाद की एक कोर्ट ने कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दी है। वहीं इस हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित हुई है। हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर घटना के बाद भागने में सफल रहे।

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