कांची कामाकोटी पीठ के पुजारी और 69वें शंकराचार्य

कांची पीठ शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती हिंदू धर्म के बड़े गुरु थे। इनकी उम्र करीब 82 साल थी। खबरों की मानें तो ब्लड शुगर कम होने से उनका निधन हुआ। 1935 में जन्में जयेन्द्र सरस्वती कांची कामाकोटी पीठ के पुजारी और 69वें शंकराचार्य थे। कांची मठ की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं शताब्दी में की गई थी। चंद्रशेखेन्द्ररा सरस्वती स्वामीगल ने इन्हें 22 मार्च 1954 को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

 

चेन्नई के श्रीरामचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया

बतादें कि जयेन्द्र सरस्वती को बीती जनवरी में एक मठ में सांस लेने में तकलीफ थी। लो बल्ड प्रेशर की परेशानी होने से वह बेहोश भी हो गए थे। इसके बाद उन्हें चेन्नई के श्रीरामचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के बाद वह काफी बेहतर फील कर रहे थे। जयेन्द्र सरस्वती कई बड़े मामलो में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा में रहे। इन्होंने अयोध्या विवाद में भी शांतिपूर्ण मध्यस्थता करने की कोशिश की थी।

 

हत्या के आरोपों से मुक्त हो गए थे जयेन्द्र सरस्वती

शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को 2004 में कांचीपुरम वर्दराजन पेरुमल मंदिर के मैनेजर ए. शंकररमन की हत्या में आरोपी बनाया गया था। इस दौरान यह काफी परेशान हुए थे। हालांकि साल 2013 में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती हत्या के आरोपों से मुक्त हो गए थे। शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती के नेतृत्व में कांची कामाकोटी पीठ ने समाज के हित कई बड़े कार्य किए हैं। इस दौरान कई अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण हुआ।

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