1000 करोड़ स्मार्ट सिटी फंड

848.38 करोड़ प्रोजेक्ट अमाउंट

76.34 करोड़ प्रशासनिक व्यय

924.72 करोड़ कुल टोटल

- विशाखापट्टनम में आयोजित हुए सेमिनार में यूपी के तीन स्मार्ट शहरों की खासी प्रशंसा

- अब दूसरे शहरों से क्लब किए जाएंगे उक्त शहर, जिससे सभी शहर स्मार्टनेस में पकड़े रफ्तार

LUCKNOW: एक तरफ जहां राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए दिन रात कवायदें की जा रही हों, रोजाना स्मार्ट कार्यो के लिए टेंडर किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि स्मार्ट बनने की राह में राजधानी लखनऊ अपने पड़ोसी शहर कानपुर और आगरा से पिछड़ती नजर आ रही है। हाल में ही विशाखापट्टनम में आयोजित कांफ्रेंस में यह जानकारी सामने आई है कि टॉप 15 शहरों में यूपी से सिर्फ कानपुर, आगरा और वाराणसी ही शामिल हैं, जिन्होंने स्मार्ट कार्यो को तेजी से पूरा किया है या उनके टेंडर किए हैं। हालांकि लखनऊ की स्थिति भी खराब नहीं मानी गई है। बस इतना कहा गया है कि उक्त शहरों के मुकाबले स्मार्ट कार्यो में रफ्तार लाई जाए।

दूसरे शहरों से क्लब

कानपुर, आगरा, वाराणसी, सूरत, विशाखापट्टनम जैसे शहरों में स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट तेजी से इंप्लीमेंट हुए हैं, जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है कि अब इन शहरों को ऐसे स्मार्ट शहरों से क्लब किया जाएगा, जहां स्मार्ट कार्यो ने बहुत अधिक रफ्तार नहीं पकड़ी है। इन शहरों के जुड़ने से उक्त शहर भी स्मार्टनेस की पटरी पर सरपट दौड़ सकें।

घाटों के सौंदर्यीकरण में बाजी

घाटों के सौंदर्यीकरण के मामले में कानपुर ने बाजी मारी है। वहीं सूरत में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े सबसे अधिक कार्य हुए हैं। वाराणसी और आगरा में भी सबसे अधिक टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं, जिसकी वजह से टॉप 15 शहरों में उक्त शहरों के नाम शामिल हैं।

फसाड लाइटिंग ने जीता दिल

कांफ्रेंस में सभी 100 स्मार्ट शहरों की ओर से विभिन्न स्मार्ट टॉपिक्स पर प्रेजेंटेशन दिया गया। लखनऊ की ओर से रेलवे स्टेशन व आसपास की गई फसाड लाइटिंग का प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसे खासा सराहा गया। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से भी सभी को अवगत कराया गया, इसे भी खासी सराहना मिली। हालांकि स्मार्ट कार्यो के टेंडर करने में थोड़ी स्थिति खराब रही। जिसकी वजह से लखनऊ स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से कहा गया कि 31 मार्च तक सभी स्मार्ट कार्यो के वर्क ऑर्डर जारी कर दिए जाएं।

अभी तक ये कार्य हुए

6 पार्को में वाई फाई की सुविधा

40 से अधिक स्मार्ट बस शेल्टर्स

30 से अधिक स्थानों पर कॉम्पैक्टर्स

2 लाख से अधिक हाईटेक स्ट्रीट लाइट्स

40 से अधिक चौराहों पर स्मार्ट सिग्नल्स

93 करोड़ की लागत से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

अगले माह से रफ्तार

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मानें तो अगले माह से स्मार्ट कार्यो को इंप्लीमेंट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 31 मार्च तक हर एक स्मार्ट कार्य का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। स्मार्ट एप भी अगले माह से शुरू किया जा रहा है, जिससे पब्लिक को घर बैठे ही हर एक स्मार्ट कार्य की जानकारी मिल जाएगी।