KANPUR:

कानपुर और उसके आसपास के एरियॉज में एक्सीडेंट्स की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों की मानें तो पिछले एक महीने में 35 से ज्यादा एक्सीडेंट्स हो चुके हैं। इसमें 7 लोगों ने अपनी जान गवां दी। ऐसे में कानपुर के कुछ इलाके डेंजर जोन साबित हो रहे हैं। गर्वमेंट की कोशिशों के बाद भी एक्सीडेंट और उसमें होने वाली मौत में कमी नहीं आ रही है। हाल ही में नेशनल वेल्थ ऑर्गनाइजेशन के सर्वे में इसकी पुष्टि हो गई है। सर्वे के मुताबिक यूपी में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट कानपुर में हुए हैं। वहीं एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि अलर्टनेस और ट्रैफिक रूल्स फालो करके एक्सीडेंट्स का ग्राफ कर किया जा सकता है.

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20 प्रतिशत एक्सीडेंट गवर्नमेंट व्हीकल्स से

सर्वे में सरकारी वाहनों से भी एक्सीडेंट होने की बात सामने आई है। इसमें भी ज्यादातर एक्सीडेंट के मुख्य कारण में लापरवाही की बात सामने आई है। सर्वे के मुताबिक ड्राइवर के नशे में होने या नींद पूरी न होने से ज्यादातर एक्सीडेंट हुए है।

लाइफ सेविंग है हेलमेट और सीटबेल्ट

एक्सीडेंट में होने वाली मौत की बड़ा कारण हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनना है। सर्वे में यह सामने आया है कि एक्सीडेंट के दौरान जो वाहन सवार हेलमेट पहने थे। एक्सीडेंट में उनकी जान बचने का ज्यादा चांस होता है। इस तरह जो कार सवार सीट बेल्ट पहने थे। उनके भी बचने का ज्यादा चांस होता है। हाइवे और शहर में में होने वाले एक्सीडेंट इसके प्रमाण है। जिसमें कार सवार सीट बेल्ट होने से बच गए है। सीट बेल्ट पहने होने की वजह से एयरबेग खुल जाते है और उनकी जान बच जाती है।

एक्सीडेंट होने के मेन रीजन

- तेज रफ्तार में ड्राइविंग करना

- ट्रैफिक नियम का पालन न करना

- खस्ताहाल रोड्स और अतिक्रमण

- ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही

- ओवरलोड ट्रक और डग्गामार गाडि़यां

मौत 676 611 580 582 479

घायल 1170 1089 987 845 745

एक्सीडेंट 1478 1278 1010 1023 1189

सिटी कानपुर अलीगढ़, लखनऊ आगरा प्रयागराज

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सावधानी और ट्रैफिक रूल्स फालो करके एक्सीडेंट से बचा जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस की कोशिश रहती है कि सभी रूल्स को फालो करें। इसके लिए चेकिंग के साथ ही अवेयरनेस कैंप भी आर्गनाइज किए जाते हैं।

सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक