उन्नाव (एएनआई / ब्यूरो)। कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस दिन-रात जुटी है। वह अपराधी तक पहुंचने के लिए संभव प्रयास कर रही है। डीजीपी के आदेश के बाद उस पर रखी इनामी राशि भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर अब 2.50 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं इस मामले कुछ पुलिस कर्मियों की संदिग्ध भूमिका की बात सामने आ रही है। चाैबेपुर थाने के 2 एसआई और एक 1 कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले में शहीद हुए सीओ ने तत्कालीन एसएसपी से चाैबेपुर एसओ की शिकायत की थी। सीओ का पुराना लेटर तेजी से वायरल हो रहा है।
उन्नाव टोल प्लाजा पर विकास दुबे की फोटो लगा दी
वहीं इस क्रम में पुलिस ने सोमवार को उन्नाव टोल प्लाजा पर विकास दुबे की फोटो लगा दी हैं। पुलिस यहां से गुजरने वाले राहगीरों को इस अपराधी की फोटो दिखाकर सुराग लगाने की कोशिश कर रही है। वहीं यह भी अनुमान लग रहा है कि हो सकता पकड़े जाने के डर से विकास दूबे दूसरे राज्य में चला गया हो। ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे को लेकर अन्य राज्यों में भी तलाश कर रही है। बीते कुछ घंटे में उत्तर प्रदेश पुलिस ने मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों की पुलिस से संपर्क किया है। हालांकि घटना के 65 घंटे के बाद भी यूपी पुलिस और एटीएस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के ठिकाने के बारे में कुछ भी पता नहीं लगा पाई है।


विकास दुबे ने 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी
बता दें कि 2 जुलाई और 3 जुलाई की रात विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके आवास पर छापा मारने के लिए लगभग 12:30 बजे करीब 50 पुलिस कर्मियों की टीम बिकरू गांव के लिए रवाना हुई थी। हालांकि इस दाैरान विकास दुबे ने पुलिस वालों का रास्ता रोकने के लिए अपने घर के करीब रास्ते में एक जेसीबी खड़ी करा दी थी। जब तक पुलिस टीम कोई कदम उठा पाती विकास दुबे के साथियों ने टीम पर हमला कर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस दाैरान 8 पुलिस वाले शहीद हुए और कई घायल हुए।
हिस्ट्रीशीटर इस घटना के बाद से हुआ फरार
लगभग 60 आपराधिक मामलों काे अंजाम दे चुके हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे इस घटना के बाद से फरार चल रहा है। वहीं पुलिस को विकास दुबे के आवास से एक तलाशी अभियान के दौरान हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा बरामद हुआ है। पुलिस ने 4 जुलाई को उसका घर भी जमींदोज किया है। खास बात तो यह है कि घर ढहाने में उसी जेसीबी का इस्तेमाल हुआ है जिससे उसने रास्ता रोका था। चौबेपुर थानाध्‍यक्ष विनय तिवारी की इस मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते सस्‍पेंड कर दिया गया है।

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