कानपुर (ब्‍यूरो)। बीते फ्राईडे को चौबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद शुरू हुआ कुख्यात विकास दुबे की मौत का काउंटडाउन 8 दिन बाद फ्राईडे को ही खत्म हो गया। उज्जैन से कानपुर हिरासत में लाते वक्त सचेंडी थाने से ठीक पहले कुख्यात विकास दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई। एलएलआर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में जब वह लाया गया तो डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। हांलाकि पुलिस के बयान पर गौर करें तो हैलट में इलाज के दौरान विकास की मौत हुई। पुलिस हत्याकांड में मुख्य आरोपी विकास समेत 6 आरोपियों की एनकाउंटर में मौत हो चुकी है। जबकि दो आरोपियों को हाफ एनकाउंटर में पकड़ा गया है।

पुलिस की गाड़ी पलटी
मालूम हो कि बिकरू गांव में सीओ, एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी को पकडऩे की तमाम कोशिशों के बाद भी विकास कई दिनों तक घूमते हुए उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुँचा था। जहां थर्सडे सुबह उसे गिरफ्तार किया। शाम को ट्रांजिट रिमांड पर विकास दुबे को एसटीएफ की टीम कारों के काफिले संग कानपुर के लिए रवाना हुई। सुबह 6।30 बजे के करीब बारा टोल क्रॉस करते ही एसटीएफ के काफिले के साथ चल रही मीडिया की गाडिय़ों को रोक दिया गया। सचेंडी थाने से थोड़ी दूरी पर अचानक पुलिस की एक टीयूवी कार पलट गई। हालाकि कार कैसे पलटी यह साफ नहीं है। न तो कार के बेकाबू होकर पलटने से सड़क पर तेज ब्रेक मारने के कोई निशान हैं और न ही डिवाइडर पर किसी टक्कर के निशान।

छीनी पिस्‍टल
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि कार पलटते ही उसमें बैठे पुलिसकर्मी संभल पाते, उसी दौरान विकास ने इंस्पेक्टर आरके पचौरी की पिस्टल छीन ली और भागने के प्रयास में पुलिस पर फायर किया। भागते वक्त पुलिस की फायरिंग में विकास को कई गोलियां लगीं। इस पूरे घटनाक्रम में इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं। जिन्हें इलाज के लिए बारासिरोही सीएचसी भेजा गया। जबकि विकास को हैलट इमरजेंसी लाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। विकास को सीने और पेट में गोलियां लगने की जानकारी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने दी।

एनकाउंटर की कहानी पर सवाल-
- विकास को सफारी कार से टीयूवी 300 में कहां और कब बैठाया गया?
-एनकाउंटर से ठीक पहले बारा टोल पर मीडिया की गाडिय़ों को क्यों रोका गया?
-टीयूवी कार जिसमें विकास बैठा था वह अचानक कैसे पलटी?
-हाइवे पर जानवरों का झुंड कैसे आ गया, जबकि दोनों तरफ मोटे तार लगे हुए हैं?
-जानवरों के झुंड से बचाने के लिए ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकने की कोशिश की तो सड़क पर टायरों के निशान क्यों नहीं ?
- हाथ में हथकड़ी लगे होने के बावजूद विकास ने इंस्पेक्टर की पिस्टल कैसे छीन ली।
-अगर हाथ खुले हुए थे तो इतने दुर्दांत अपराधी को बिना हथकड़ी क्यों लाया जा रहा था?
- विकास को गोली सामने से लगी तो वह भाग कैसे रहा था? पीछे से लगी तो गिरते वक्त उसकी टीशर्ट पर मिट्टी के निशान क्यों नहीं?

विकास दुबे को कानपुर लाते वक्त सचेंडी में पुलिस की गाड़ी पलट गई। इस दौरान मौका पाकर विकास ने विवेचक आरके पचौरी की पिस्टल छीन कर भागने का प्रयास किया। इसी दौरान एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची। जवाबी फायरिंग में विकास को गोली लगी। इलाज के लिए उसे अस्पताल भेजा गया जहां उसकी मौत हो गई। घटना में विवेचक समेत कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
जेएन सिंह, एडीजी कानपुर जोन

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