-पानी की यूज्ड बोतलों को ट्रेन के अंदर ही मशीन में डिस्पोज कर सकेंगे पैसेंजर्स, गो ग्रीन मिशन के तहत ट्रेनों में लगेंगे मशीन

-रेलवे ने राजधानी एक्सप्रेस से की शुरुआत, दिल्ली-हावड़ा रूट की दो दर्जन से अधिक वीआईपी ट्रेनों में लगाया जाएगा

KANPUR। पीएम मोदी के सिंगल प्लास्टिक यूज की पहल को रेलवे ने आगे बढ़ाते हुए ट्रेनों के अंदर प्लास्टिक बोतल क्रश मशीन लगाने का फैसला लिया गया है। जिसकी शुरुआत रेलवे ने राजधानी एक्सप्रेस से कर दी है। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक ट्रेनों में बोतल क्रश मशीन लगने से एक तरफ ट्रेनों में साफ-सफाई बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर अवैध वेंडर के खाली बोतलों में पानी भर कर पैसेंजर्स को बेचने की प्राब्लम पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। स्टेशनों पर क्रश मशीन लगाए जाने का काम पहल से चल रहा है। जिसका यूज करने पर पैसेंजर को रिटर्न गिफ्ट भी मिलेगा।

3 हजार बोतलों की क्षमता

क्रश मशीन से पैसेंजर्स प्लास्टिक बोतलों को ट्रेन से बाहर ट्रैक में फेंकने के बजाए ट्रेन में ही नष्ट कर सकते हैं। इस क्रशर मशीनों को राजधानी एक्सप्रेस में रेलवे ने स्वच्छ भारत व गो ग्रीन मिशन के तहत लगाया है। यह मशीन डेली 3 हजार बोतलों को क्रश करने की क्षमता रखती है। मशीन में 200 मिलीलीटर से लेकर 2.5 लीटर की क्षमता तक की प्लास्टिक बोतलों को क्रश किया जा सकता है।

2 अक्टूबर को एनाउंसमेंट

रेलवे बोर्ड ने राजधानी, दुरंतो, गरीब रथ, हमसफर जैसी वीआईपी ट्रेनों में भी क्रश मशीन लगाने का डिसीजन लिया है। जिसकी शुरुआत रेलवे बोर्ड ने राजधानी से की है। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा रूट की वीआईपी ट्रेनों में भी जल्द की क्रश मशीनें लगाए जाने की प्लानिंग चल रही है। जिसकी घोषणा रेलमंत्री 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर कर सकते हैं।

अवैध वेंडर बटोर ले जाते

सीपीआरओ एनसीआर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि पैसेंजर्स यूज्ड प्लास्टिक की बोतलों को जर्नी खत्म होने पर ट्रेन में ही छोड़ कर चले जाते हैं। या फिर ट्रेन से बाहर ट्रैक किनारे फेंक देते है। इन बोतलों को अवैध वेंडर बटोर लेते हैं। जो इनमें नल से पानी भरकर ढक्कन में टेप लगा दोबारा पैसेंजर्स को मिनिरल वॉटर बताकर बेच देते है। जो पैसेंजर्स के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

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- 3 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन

- 389 से अधिक ट्रेनों का डेली आवागमन

- 12 राजधानी ट्रेनों का डेली आवागमन

- 42 वीआईपी ट्रेनों का डेली आवागमन

- 4 शताब्दी ट्रेनों का डेली आवागमन

- 5 दिन हफ्ते में वंदे भारत एक्स। चलती है

स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों में भी क्रश मशीनें लगाने का निर्णय रेलवे बोर्ड ने लिया है। जिसकी शुरुआत भी कर दी गई है।

अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर