आई ब्रेकिंग

- अफसरों की कृपा से 35 साल से बिना किसी लिखापढ़ी के कलेक्ट्रेट में कर रहा था काम, हर सरकारी रिकॉर्ड तक है पहुंच

-कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनाने में लोगों से लेता था घूस, डीएम ने बिना किसी कार्रवाई और पूछताछ के छोड़ा, कलेक्ट्रेट में हड़कंप

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KANPUR: असलहा विभाग से फर्जी तरीके से वीपेन लाइसेंस जारी के होने बाद आप कलेक्ट्रेट के अंदर धांधली और भ्रष्टाचार की स्थिति को जान चुके हैं। लेकिन कलेक्ट्रेट के कारनामों की कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं है। यहां तीन-तीन दशक से भी ज्यादा समय 'प्राइवेट' कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिनकी न तो ज्वाइनिंग है और न ही कोई रिकॉर्ड। ये कुछ अफसरों की कृपा से उनके कारखास बनकर काम कर रहे हैं। इनकी हर सरकारी रिकॉर्ड तक पहुंच है और हर काम के लिए यहां आने वाले लोगों से घूस लेते हैं। वेडनेसडे को ऐसे ही एक कारखास को खुद डीएम ने दौड़ाकर पकड़ लिया। डीएम की इस कार्रवाई से कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया।

बहुत शिकायत आ रही है तुम्हारी

दरअसल, कलेक्ट्रेट में पिछले 35 साल से बिना लिखापढ़ी के ओम वर्मा कर्मचारी की तरह काम कर रहा है। वह इंग्लिश ऑफिस में कैरेक्टर सर्टिफिकेट का काम देखता है। सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर वह लोगों से पैसे लेकर अपनी 'सरकारी नौकरी' चला रहा था। बुधवार को डीएम मीटिंग ले रहे थे तभी किसी का फोन आने पर वह कलेक्ट्रेट की पहली मंजिल की तरफ अकेले भाग कर गए। डीएम को देखते हुए वहां मौजूद ओम वर्मा भाग खड़ा हुआ। डीएम ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया। डीएम ने उससे कहा कि तुम्हारी बहुत शिकायत आ रही है। बंद कर दो ये सब। वह तुरंत ही डीएम के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। डीएम उसे छोड़कर फिर मीटिंग में आकर बैठ गए। इस कार्रवाई के बाद कलेक्ट्रेट में देर रात तक यह चर्चा का विषय बना रहा।

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इस तरह के दर्जनाें कारखास

इंग्लिश ऑफिस में पकड़ा गया प्राइवेट कर्मी अकेला नहीं है, कई और भी प्राइवेट कर्मी अवैध तरीके से 'सरकारी नौकरी' कर रहे हैं। इनकी कोई सैलरी नहीं है। ये सभी दलाली कर हर महीने अपने लिए 'सैलरी' का जुगाड़ भी खुद ही करते हैं। इसके अलावा कलेक्ट्रेट के अन्य विभागों में ये प्राइवेट कर्मी शान से नौकरी कर रहे हैं। ये सरकारी बाबुओं और अफसरों के लिए घूस लेने का काम भी करते हैं। शाम को पूरे दिन का हिसाब किताब किया जाता है। इससे भ्रष्टाचार करने वाले अफसर और कर्मचारी सीधे पकड़ में भी नहीं आते हैं। असलहा विभाग में तैनात कर्मी जीतेंद्र और ओम वर्मा जैसे दर्जनों कर्मचारी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं? यह किसी को भी नहीं मालूम है।

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एक व्यक्ति की कंप्लेन पर कर्मचारी को पकड़ने गया था। कलेक्ट्रेट से उसे बाहर कर दिया गया है। विभागों में सरकारी कर्मचारियों के अलावा काम करने वाले लोगों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। इनकी लिस्ट बनाई जाएगी। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि विभागों में ऐसे लोग काम न करें।

-विजय विश्वास पंत, डीएम।