-सदर तहसील में बड़ा फर्जीवाड़ा, अफसरों की सेटिंग से करोड़ों की जमीन का लैंडयूज बदला गया, दस्तावेज में चार मुर्दो के भी अंगूठे लगे

-पीएसी का सिपाही है फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड, एडीजी से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, तहसील अफसरों ने दबा दिया मामला

KANPUR : सदर तहसील में लैंड यूज चेंज (भूमि परिवर्तन) के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें एक दो नहीं बल्कि चार मुर्दो के अंगूठे का निशान लगाकर भूमि परिवर्तन कर दिया गया। अफसरों ने भी आवेदन पत्र की जांच कराने की जरूरत नहीं समझी और सारी प्रॉसेस कर एग्रीकल्चर लैंड रेजीडेंशियल में चेंज कर दिया। जानकारी होने पर पीडि़तों ने फर्जीवाड़े की शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत को भी दबा दिया गया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड पीएसी का सिपाही और उसका मौसेरा भाई है। दोनों ने अफसरों से सेटिंग कर यह फर्जीवाड़ा किया है।

80 लाख में किया सौदा

बिधनू के सजारी में गया प्रसाद और उनके रिश्तेदारों के नाम पर तीन बीघा एग्रीकल्चर लैंड है। गया प्रसाद और उनके रिश्तेदारों का खेती से गुजर बसर चल रहा है। बीते साल मार्च में पीएसी का सिपाही और उसका मौसेरा भाई किसानों के पास आए थे। दोनों ने जमीन बेचने का ऑफर दिया तो वे राजी हो गए। किसानों का आरोप है कि सिपाही ने 80 लाख में जमीन का सौदा किया था। इसके बाद उसने अपने और मौसेरे भाई के नाम पर लिखापढ़ी कराई। सिपाही ने खुद के नाम पर नोटरी और भाई के नाम पर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराकर किसानों को 20 लाख रुपये दिया था।

फर्जी दस्तावेज तैयार कराए

20 लाख के पेमेंट के बाद किसानों को कोई पैसा नहीं दिया। बल्कि आरोपी सिपाही जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगा। पीडि़त किसानों के मुताबिक वे अनपढ़ और बेहद गरीब है। जिसका फायदा उठाकर दोनों ने उनसे कई पेपर में साइन और अंगूठे का निशान लगवा लिया। इसके बाद वह जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगा। किसानों ने विरोध कर एडीजी प्रेम प्रकाश से शिकायत की तो एडीजी ने सिपाही और उसके भाई के खिलाफ बिधनू में रिपोर्द दर्ज करा दी। इसके बाद भी न तो सिपाही की गिरफ्तारी हुई और न उसके भाई की।

सिपाही से मिलकर िकया 'खेल'

इस बीच किसानों को सिपाही और उसके भाई की तरफ से नोटिस भेज गया जिसमें लिखा था कि मई 2018 को जमीन का लैंड यूज (भूमि परिवर्तन) करा लिया है। नोटिस मिलने पर किसानों ने तहसील जाकर पड़ताल की तो पता चला कि सिपाही ने जिन सादे कागजों पर उनके साइन व अंगूठे लिए थे उसी में चार मृतक किसान अमरू, चिंकू, दीपक और सऊनी के भी अंगूठे के निशान लगा दिए थे। जबकि इन चारों किसानों की दस साल पहले मौत हो चुकी है। किसान गया प्रसाद के मुताबिक 2011 के पहले इन चारों किसानों की काफी पहले ही मौत चुकी है। जमीन की खतौनी में भी यह दर्ज है। इसके बावजूद लैंड यूज चेंज कर दिया गया। उसने इसकी लिखित शिकायत तहसील में की, लेकिन उसकी शिकायत को दबा दिया गया।

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'मामला आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है। ये मामला बहुत गंभीर है। इसकी जांच करके सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

- विजय विश्वास पंत, डीएम, कानपुर नगर