- डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन का चार्ज दो से तीन गुना बढ़ाने की तैयारी

- घरों से गार्बेज कलेक्शन अब महंगा

- 8 नवंबर को होने वाली नगर निगम कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखने की तैयारी, पास हुआ तो चुकाने होंगे दोगुने रुपए

-घर, स्कूल, शॉप, गवर्नमेंट व प्राइवेट ऑफिसेस, होटल, रेस्टोरेंट और मॉल सभी आएंगे बढ़े रेट के दायरे में

- सिर्फ तीन जोन में शुरू हुआ है डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन, समय पर और डेली कूडा नहीं उठाने की आ रही शिकायतें

kanpur@inext.co.in

KANPUR : भले ही शहर में डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन प्रॉपर तरीके से नहीं हो पा रहा हो लेकिन इसके नाम लिया जाने वाल चार्ज अब आपकी जेब पर ज्यादा भारी पड़ने वाला है। इसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। 8 नवंबर को होने वाली कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास हुआ तो क्क्0 वार्डो में रहने वाले कानपुराइट्स को दोगुने से ज्यादा रेट देने होंगे। बता दें कि अभी नगर निगम सिर्फ फ् जोन में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर रहा है। कार्यकारिणी मीटिंग में जो प्रस्ताव लाया जा रहा है, उसमें हाउसिंग सोसाइटीज में क्00 रुपए प्रति फ्लैट, कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज से म्00 रुपए, गवर्नमेंट ऑफिसेस, होटल, मॉल, स्कूल आदि को क्ख्भ्0 रुपए देने होंगे। वहीं क्,000 वर्गमीटर से अधिक एरिया वाली प्रॉपर्टीज को म्,000 रुपए हर महीने देने होंगे।

प्रॉपर नहीं हो रहा कूड़ा कलेक्शन

सिटी में डोर-टू-डोर कलेक्शन का काम देख रही जेटीएन कंपनी कूड़ा कलेक्शन में बड़े पैमाने पर लापरवाही बरत रही है। हाल ही में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अमित सिंह ने कंपनी को नोटिस भी जारी किया है। वहीं पार्षद से लेकर कानपुराइट्स भी लापरवाही और ज्यादा वसूली करने का आरोप लगा चुके हैं।

-------------

कूड़े के पहाड़ होंगे साफ

सिटी में कूड़ा कलेक्शन के बाद कूड़े के 'पहाड़ों' को भी साफ करने का प्लान तैयार किया जा चुका है। आईएलएंडएफएस कंपनी के साथ अर्थ इन्वायॅरमेंटल मैनेजमेंट सर्विसेज प्रा। लि। के साथ ज्वाइंट वेंचर में काम कर कूड़े का डिस्पोजल करना चाहती है। इसके लिए अर्थ इन्वायॅरमेंटल को कार्यकारिणी द्वारा पास कराने का प्रस्ताव रखा जाएगा। जिससे बाद में पेमेंट को लेकर कोई प्रॉब्लम न हो। कार्यकारिणी और सदन के बाद अगर शासन से मंजूरी मिलती है तो यहां पर कूड़े का निस्तारण शुरू होगा।

-------------

क्7भ् करोड़ से होगा डिस्पोजल

पनकी भौसिंह स्थित प्लांट में वर्तमान में करीब ख्0 लाख टन कूड़ा डंप हो चुका है। इतनी बड़ी मात्रा में कूड़े के डंप होने से नगर निगम अफसर भी परेशान हैं। प्लांट की क्षमता खत्म हो चुकी है। कूड़ा डिस्पोजल में पहले एटूजेड और फिर आईएलएफएस फेल हो चुका है। यही वजह है कि अब इस कूड़े के निस्तारण के लिए दूसरे उपाय खोजे जा रहे हैं। इसके लिए अब महाराष्ट्र की कंपनी को प्लांट का रखरखाव और संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्लांट में इस समय करीब ख्0 लाख टन कूड़ा एकत्र हो गया है। इसके निस्तारण में तकरीबन क्7भ् करोड़ की लागत आएगी। यह कंपनी लखनऊ में भी काम कर रही है।

------------------

कैटेगिरी पुराने रेट प्रस्तावित रेट

आवासीय बीपीएल, मलिन बस्ती क्0 ख्भ्

फ्0 वर्ग मीटर से ज्यादा प्लॉट फ्0 भ्0

आवासीय एचआईजी भ्0 क्00

आवासीय, हाउसिंग सोसाइटीज भ्0 क्00 रुपए प्रति फ्लैट

आवासीय, ख्0 वर्गमीटर तक शॉप फ्0 क्00

कॉमर्शियल दुकान और ऑफिसेस ब्0 क्00

प्राइवेट कोचिंग, नर्सिग होम, पेट्रोल पंप भ्00 म्00

गवर्नमेंट ऑफिसेस, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स,

गेस्ट हाउस, बैंक, रेस्टोरेंट, लॉन, हॉस्टल, क्,000 क्ख्भ्0

ऑडिटोरियम आदि।

होटल, बैंक्वेट हॉल, क्लब, सिनेमा हॉल,

फैक्ट्री, हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, ख्,000 ख्भ्00

क्,000 वर्ग मीटर से अधिक

क्,000 वर्ग मीटर से अधिक कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज भ्,000 म्,000

----------------