- चौराहों से लेकर सड़कों तक में वाहन चेकिंग के लिए दिख रही पुलिस, चालान के डर से लोग फॉलो करने लगे ट्रैफिक रूल्स

- कुछ लोगों ने इसे बताया अच्छी शुरुआत तो कुछ का कहना है, पहले इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक कराए फिर लगाएं इतना जुर्माना

KANPUR : एमवी एक्ट में संशोधन कर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों से 10 गुना जुर्माना वसूले जाने से पूरे देश के साथ शहर में भी वाहन सवारों के बीच हड़कंप का माहौल है। सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक में इस आदेश की ही चर्चा है। अचानक शहर की तस्वीर ही बदल गई है। मेन चौराहों से भी गायब रहने वाली पुलिस अब चौराहों, सड़कों से लेकर गलियों तक में नजर आ रही है। अगर किसी ने भी ट्रैफिक रूल तोड़ा चालान कटना तय है वो भी इतना कि सुनकर वाहन चालक के होश उड़ जाएं। इसी का असर है कि शहर में शायद ही आपको कोई बिना हेलमेट औ सीटबेल्ट के गाड़ी चलाता दिखे। ट्रैफिक में भी काफी सुधार अाया है।

80 फीसदी पहनने लगे हेलमेट

इस अभियान को जहां कुछ लोग अच्छा बता रहे हैं तो कुछ इसे पुलिस के उत्पीड़न का जरिया मान रहे हैं। नवाबगंज निवासी दिनेश कठेरिया के अनुसार कि गंगा बैराज के पास चेकिंग के नाम पर उन्हें रोका गया। सारे पेपर्स थे, लेकिन हेलमेट नहीं पहना था। इस पर चालान करने की पहले धमकी दी गई। हालांकि, बाद में 200 रुपए में डील फाइनल कर ली और बिना चालान कटाए ही निकल गए। वहीं गोविंदनगर के बलवीर सिंह कहते हैं कि शुरुआत अच्छी है, जब तक लोगों में भय नहीं होगा, रूल्स फॉलो नहीं करेंगे। हालांकि अगर जुर्माना बढ़ाने से पहले चौराहों के सिग्नल चालू कर देते। रोड्स भी बेहतर कर देते तो ज्यादा अच्छा रहता। तिलक नगर निवासी राजीव गंगवार के अनुसार जब से सड़कों पर

- ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों को कतई नहीं छोड़ा जाएगा। रूल तोड़ने वालों से नियमानुसार भारी जुर्माना वसूल किया जा रहा है। अगर कहीं भी उगाही की कम्प्लेन मिलती है तो आरोप तय होने पर संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई तय है।

- सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक

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ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने के लिए सख्ती जरूरी थी। अगर पुलिस ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करती रही तो सड़कों पर इसका असर तेजी से दिखता नजर आएगा। पहले से ज्यादा लोग रूल्स फॉलो करते दिख रहे हैं।

- अजय कुमार

- अगर कोई ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करता है तो उसका चालान होना ही चाहिए। लेकिन, कई बार पुलिस कमाई के चक्कर में प्रताडि़त करती है। ऐसे में उनकी कम्प्लेन का भी आसान तरीका होना चाहिए, जिससे पुलिस कर्मचारियों में शिकायत का डर हो।

- माेहित

- नियमों की सख्ती होना जरूरी है। लेकिन, 10 गुना जुर्माना बहुत ज्यादा है। इससे घटनाएं भी बढ़ेंगी। चालान से बचने के लिए यूथ वाहन भगाते हैं। इससे उनके एक्सीडेंट के चांस भी बढ़ जाएंगे। फिर भी लोगों को ट्रैफिक रूल्स तो फॉलो करने ही चाहिए।

- शंकर