- कानपुर मेट्रो के लिए यूज होगी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की काफी जमीन

- शुरू होने के पहले ही नवनिर्मित ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर का टूटना लगभग तय, शिफ्ट की जाएंगी कई सेवाएं

- एलएमओ और इमरजेंसी का एक हिस्सा भी मेट्रो के रूट में, डिजास्टर मैनेजमेंट स्किल ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण भी होगा शिफ्ट

KANPUR: कानपुर मेट्रो के फ‌र्स्ट फेज में बनने वाले हैलट मेट्रो स्टेशन के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और एलएलआर हास्पिटल के काफी बड़े हिस्से का यूज होना तय हो गया है। ऐसे में रूट के रास्ते में पड़ रही कई अहम चीजें भी हटाई जाएंगी। जिसमें नया ओपीडी रजिस्ट्रेशन काम्प्लेक्स भी शामिल है, जिसपर शुरू हुए बिना ही तोड़े जाने का संकट आ गया है। अस्पताल में पेशेंट्स के लिए कई अहम जरूरी जगहें इस रूट में पड़ रही है। मेट्रो रूट का अलाइनमेंट नहीं बदलने से उन्हें हटाया जाना तय हो गया है। जिससे पेशेंट्स की भी प्रॉब्लम कुछ हद तक बढ़ सकती है, क्योंकि एलएलआर हास्पिटल में हैलट मेट्रो स्टेशन का बड़ा हिस्सा आएगा।

98 परसेंट कॉम्पलेक्स बनकर तैयार

हैलट हास्पिटल की ओपीडी में पेशेंट्स के बढ़ते लोड को देखते हुए 2 करोड़ की लागत से ओपीडी से बाहर एक रजिस्ट्रेशन काम्प्लेक्स का निर्माण चल रहा है। जिसका 98 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है और इसे जल्द शुरू किया जाएगा। यह काम्प्लेक्स हैलट की चाहरदिवारी से ही लगा है। वहीं मेट्रो स्टेशन के लिए जाने वाले ट्रैक का हिस्सा इसी के ठीक ऊपर से गुजरेगा। जिसके लिए चाहरदिवारी से 8.80 मीटर का हिस्सा मेट्रो के लिए जाएगा। ऐसे में अब इस काम्प्लेक्स के बिना शुरू हुए ही टूटने की संभावना बढ़ गई है। इसी काम्प्लेक्स के फ‌र्स्ट फ्लोर पर डिजास्टर मैनेजमेंट स्किल ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिसके लिए कॉलेज को केंद्र सरकार से फंड भी मिल चुका है। मेट्रो रूट की वजह से अब इसे भी दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ेगा।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और हैलट का इतना हिस्सा मेट्राे के लिए-

- गोल चौराहे के पास आईडीएच, आशा ज्योति केंद्र से मेडिकल कॉलेज मेन गेट तक बाउंड्री वॉल से 11 मीटर चौड़ाई

- एलएलआर ओपीडी मेन गेट से मेडिसिन डिपार्टमेंट के सामने गार्डन एरिया तक 128 मीटर ंबाई में

- ओपीडी गेट से 8.80 मीटर चौड़ाई तक, हैलट के बगीचे का 40 फीसदी हिस्सा 16.37 मीटर चौड़ाई तक

पेशेंट्स को हो सकती हैं ये प्रॉब्लम

- लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शिफ्टिंग से इमरजेंसी और आईसीयू में ऑक्सीजन की प्रॉब्लम

- दोनों गेटों पर निर्माण की वजह से पार्किंग की प्रॉब्लम

-इमरजेंसी और आईसीयू का कुछ हिस्सा भी मेट्रो के रूट में है, ऐसे में इमरजेंसी की क्षमता में कमी की संभावना

- रजिस्ट्रेशन काउंटर न शुरू होने की वजह से पेशेंट्स को ओपीडी में पहले की तरह ही भीड़ का सामना करना पड़ेगा।

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वर्जन-

मेट्रो प्रोजेक्ट में कॉलेज और हॉस्पिटल का काफी हिस्सा आ रहा है। कोशिश यही की जा रही है कि जो चीजें पहले बनी हैं, रोगी हित में उन्हें न तोड़ा जाए। इसके लिए मेट्रो के अधिकारियों और शासन में लगातार बात चल रही है।

- डॉ। आरती लालचंदानी, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज