- एमडी और एमएस की 85 सीट बढ़ाने पर एमसीआई की सहमति, सेल्फ इंस्पेक्शन की रिपोर्ट देनी होगी

- पीजी की हर एक सीट के हिसाब से 2 करोड़ रुपए फंड भी मिलेगा

KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को इंस्टीटयूट बनाने पर सहमति के साथ यहां पीजी यानी एमडी और एमएस की सीट्स भी बढ़ेंगी। एमसीआई ने इन दोनों कोर्सेस की 85 सीट बढ़ाने पर सहमति दे दी है। इसके अलावा नए बनने वाले इमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट के लिए पीजी की 12 सीटें बढ़ाने का प्रपोजल भी एमसीआई को सौंपा गया है। फ्राईडे को इस बाबत एमसीआई के ऑफिसर्स के साथ दिल्ली में प्रिंसिपल डॉ। आरती लालचंदानी ने मीटिंग की। पीजी की सीट्स बढ़ने का सीधा फायदा पेशेंट केयर पर भी पड़ेगा, क्योंकि इससे जूनियर रेजीडेंट्स की संख्या भी बढ़ेगी।

डिप्लोमा सीट्स पर भी फैसला

मेडिकल कॉलेज में पीजी कोर्सेस के अलावा पीजी डिप्लोमा कोर्सेस की 19 सीट्स भी बढ़ेंगी। जिसमें ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट में डीजीओ, पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में डीसीएच और आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में डीआर्थो कोर्सेस शाि1मल हैं।

हर सीट के हिसाब से फंड

मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। आरती लालचंदानी ने बताया कि यूजी कोर्स में ईडब्ल्यूएस कोटे से 50 सीट्स इस सेशन में बढ़ गई है। इसी कोटे से पीजी की भी सीटें बढ़ेंगी। पीजी और यूजी सीटें बढ़ाने के एवज में प्रति सीट के हिसाब से फंड भी मिलेगा। जिसका यूज सीट बढ़ने के बाद उससे रिलेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में होगा। यूजी में हर सीट के हिसाब से 1.2 करोड़ रुपए वहीं पीजी में हर एक सीट पर 2 करोड़ रुपए का फंड ि1मलेगा।

इन डिपार्टमेंट्स में बढ़ेगी सीट्स-

सर्जरी, मेडिसिन, ऑब्स एंड गायनी, आर्थोपेडिक, ऑफ्थेल्मोलॉजी, ईएनटी, एनाटॉमी, पैथोलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, टीबी चेस्ट एंड रेस्पेरेटरी मेडिसिन। स्किन एंड वीडी,फिजियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी। पीडियाट्रिक्स

वर्जन-

पीजी की सीट बढ़ाने को लेकर सहमति मिल गई है। अब इससे रिलेटेड पेपर वर्क और इंस्पेक्शन की कार्रवाई होगी। जिसकी रिपोर्ट एमसीआई में सबमिट करने के बाद सीटें बढ़ जाएगी।

- डॉ। आरती लालचंदानी,प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज