एक साथ पूरे शहर में बवाल की प्लानिंग को भांप तक नहीं पाई इंटेलीजेंस व एलआईयू

-गलियों से टुकडि़यों में निकली भीड़, पहले से ही तैयार कर रखे थे विरोध के पोस्टर

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KANPUR : फ्राइडे को भड़का बवाल पूरी तैयारी के साथ किया गया। तैयारियों इस कदर चुपचाप की गई कि इसकी भनक इंटेलीजेंस तक को जरा भी नहीं लगी। पूरी तैयारी को सोशल मीडिया से दूर रखा गया। आपस में माउथ पब्लिसिटी के जरिए ही सभी को एक-दूसरे तक मैसेज पहुंचाया गया। इसका नतीजा रहा कि एक साथ पूरे शहर में बड़ा बवाल हो गया। बाबूपुरवा में 1:30 बजे बवाल के बाद ग्वालटोली, रामनारायण बाजार, नई सड़क से भी भीड़ निकल पड़ी। यह भीड़ यतीमखाना की तरफ बढ़ी और बाद में परेड चौराहे तक अराजकता का ताण्डव किया।

टुकडि़यों में निकले उपद्रवी

उपद्रव की तैयारी इस कदर की गई थी कि परेड से फूलबाग तक 22 टुकडि़यों में 500-500 मीटर की दूरी पर उपद्रवी निकले। फोटो और वीडियोग्राफी न हो इसके लिए हर टुकड़ी के चारों ओर एक घेरा बनाया गया था, जो लोगों को रोक रहा था। वहीं उर्सला और बड़ा चौराहा फुट ओवरब्रिज पर भी भीड़ फोटोग्राफी रोकने के लिए तैनात थी।

नाकाम साबित हुई इंटेलीजेंस

इस उपद्रव की इतनी तैयारी की गई, लेकिन इंटेलीजेंस, एलआईयू के पास कोई इनपुट नहीं था। इसकी वजह से पुलिस और प्रशासन फोर्स लगाने को लेकर अनुमान तक नहीं लगा सका और देखते ही देखते शहर के अधिकांश एरिया उपद्रव की चपेट में आ गए। बवाल बढ़ता देख पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से बैकफुट पर रहा। यहां तक कि एसीएम को भी किसी भी तरह का कोई इनपुट नहीं मिला।

प्लानिंग की हाईलाइट्स

- फूलप्रूफ चरणबद्ध तरीके से तैयार की गई बवाल की प्लानिंग

- बाबूपुरवा को बनाया बवाल का केंद्र, 1.30 बजे रखी टाइमिंग

- पि्रंटेड पोस्टर और बैनर को 1 रात पहले ही तैयार किया गया

- नारे और स्लोगन को लेकर पहले से पोस्टर तैयार किए गए

- 1500 की भीड़ में उपद्रवियों को आगे बढ़ने को कहा गया

- नारेबाजी करने वाले युवकों को सेफ रख आगे बढ़ाया गया

- यतीमखाना से फूलबाग तक प्रदर्शन का रूट पहले ही था तय

- फोटोग्राफी रोकने के लिए कुछ उपद्रवी ऊंचे स्थानों पर खड़े थे