KANPUR: सीएसजेएमयू की वाइस चांसलर ने यूनिवर्सिटी की बेहतरी के लिए ब्रिटिश काउंसिल से टीचर एण्ड स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम पर डिस्कशन किया। ब्रिटिश काउंसिल तो इस इश्यू पर तैयार है, लेकिन यूनिवर्सिटी का थ्री इयर डिग्री प्रोग्राम इसमें ब्रेक लगा रहा है। इसको देखते हुए वीसी ने ग्रेजुएट लेवल पर तीन साल के डिग्री प्रोग्राम को खत्म करने के लिए एमएचआरडी की मीटिंग में मुद्दा उठाया है।

यूके में 4 इयर डिग्री प्रोग्राम

वीसी प्रो नीलिमा गुप्ता की ब्रिटिश काउंसिल के हायर एथॉर्टी से स्टूडेंट्स व टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम पर बातचीत काफी सफल रही। काउंसिल वीसी के प्रपोजल पर पूरी तरह एग्री है, लेकिन एजूकेशन सिस्टम डिफरेंट होने से थोड़ी प्राब्लम आ रही है। इंडियन यूनिवर्सिटी में तीन साल का ग्रेजुएशन व दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम चल रहा है। जबकि यूनाइटेड किंगडम की यूनिवर्सिटी में 4 इयर डिग्री प्रोग्राम होता है और 1 इयर का मास्टर प्रोग्राम होता है।

इग्नू में नेक्स्ट मीिटंग 17 को

हाल ही में एमएचआरडी मिनिस्ट्री, भारतीय शिक्षण मण्डल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और इग्नू ने न्यू एजूकेशन पॉलिसी पर सभी यूनिवर्सिटी की मीटिंग कॉल की गई। इस मीटिंग में ग्रेजुएट लेवल के प्रोग्राम को तीन साल की जगह चार साल करने पर चर्चा की गई। विदेशी यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएट प्रोग्राम चार साल का होता है। यही वजह है कि देश की कई प्रॉमिनेंट यूनिवर्सिटी फारेन यूनिवर्सिटी से हाथ नहीं मिला पा रही हैं। इग्नू में नेक्स्ट मीटिंग 17 अगस्त को कॉल की गई है।

''ब्रिटिश काउंसिल से टीचर व स्टूडेंट्स प्रोग्राम पर काफी डिस्कशन हुआ। काउंसिल इसके लिए तैयार भी है लेकिन हमारे यहां तीन साल का ग्रेजुएट प्रोग्राम होता है वहां पर चार साल का प्रोग्राम होता है। अब प्रयास किए जा रहे हैं कि इंडिया में न्यू एजूकेशन पालिसी जो बने उसमें 4 इयर ग्रेजुएट प्रोग्राम व एक साल का पीजी या प्रोग्राम बनाया जाए.''

प्रो नीलिमा गुप्ता, वाइस चांसलर सीएसजेएमयू