- 23 अगस्त को स्मार्त बनाएंगे श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव, 24 को वैष्णव बनाएंगे जन्माष्टमी का पर्व

KANPUR : भगवान श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव 23 अगस्त को स्मार्त मनाएंगे। 24 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। यह जानकारी भारतीय ज्योतिष परिषद् के अध्यक्ष पंडित केए दुबे 'पद्मेश' ने दी। उन्होंने बताया कि गर्ग संहिता के मुताबिक भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में बुधवार को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग व अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि देवकी के गर्भ से हुआ था।

इस तरह की गणना

हरिवंश पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी में मध्य रात्रि रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। उस वक्त गुरु कर्क राशि में, सूर्य बुध सिंह राशि में, राहु कन्या में, शनि शुक्र तुला में, मंगल मकर में, केतु मीन में तथा वृष राशि का चंद्रमा था। ज्योतिष के एक अन्य प्रामाणिक ग्रंथ रणवीर महाज्योति निर्बध में भी इसी तरह की ग्रह स्थिति का उल्लेख है। लेकिन, बुध की स्थिति पंचम भाव में है, सामान्य अंतर है। उक्त तीनों गणना के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म आज से 5247 साल पहले हुआ था। द्वापर के अंतिम चरण में श्रीकृष्ण का जन्म व कलयुग के प्रारंभ में उन्होंने शरीर त्यागा।

महाभारत के वक्त श्रीकृष्ण थे 71 साल के

महाभारत युद्ध कलयुग के प्रारंभ से 36 साल पहले हुआ था। उस समय द्रोणाचार्य की आयु करीब 85 वर्ष थी। 107 वर्ष में यदि 36 घटा दिया जाए तो महाभारत के समय कृष्ण की आयु करीब 71 वर्ष रही होगी। 23 अगस्त को सप्तमी सुबह 8.09 बजे तक है। इसके बाद नवमी कृतिका नक्षत्र सुबह 8.58 बजे से वृष का चंद्रमा है तो स्मार्त लोगों की अष्टमी होगी। 24 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी सुबह 8.32 बजे तक है। रोहिणी नक्षत्र रात 28 घंटे 16 मिनट तक है और वृष का चंद्रमा सम्पूर्ण दिन है। इस कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी यह जयंती के रूप में है और वैष्णव इस तिथि को ही उनका जन्मोत्सव मनाएंगे।