- टीचर के शिकायत करने और पेरेंट्स की डांट के खौफ में 12वीं के स्टूडेंट ने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को मार ली गोली

-हरमिलाप स्कूल का स्टूडेंट था, बहाना बनाकर मां को अकेला भेज दिया मीटिंग में, रिवॉल्वर लेकर जैना प्लेस पहुंचा, माथे पर सटाकर किया फायर

KANPUR : नंबरों की दौड़ में एक और छात्र जिंदगी की रेस हार गया। पेरेंट्स मीटिंग में शिकायत के डर से 12वीं का एक स्टूडेंट इतना सहम गया कि उसने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर जान दे दी। पिता ने दो दिन पहले ही पढ़ाई को लेकर उसे फटकार लगाई थी। सैटरडे को स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी। सुबह मां मीटिंग में जाने के लिए घर से निकली थी। छात्र को डर था कि स्कूल में टीचर उसकी शिकायत मां से जरूर करेंगे जिसके बाद फिर से पिता की डांट खानी पड़ेगी। इसी खौफ में उसने अपनी जान दे दी। उसकी मौत का पता चलने से घर में कोहराम मच गया।

दो दिन पहले पिता ने डांटा था

गुजैनी निवासी योगेंद्र सिंह सेंगर पीडब्ल्यूडी के कांट्रैक्टर हैं। वह एसडी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। परिवार में पत्नी पूनम और दो बेटे अंशुमान (17) व अंशू थे। अंशुमान हरमिलाप स्कूल में 12वीं का छात्र था। अंशुमान पढ़ाई में थोड़ा कमजोर था। दो दिन पहले योगेंद्र ने पढ़ाई को लेकर अंशुमान को डांटा था। जिससे वह काफी सहमा हुआ था। सैटरडे को स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी। अंशुमान को भी मां के साथ स्कूल जाना था, लेकिन वह स्कूल में शिकायत होने से डर से वहां नहीं गया।

मैं पेट्रोल भरवाकर अा रहा हूं

अंशुमान ने मां को यह कहकर स्कूल भेज दिया कि वह स्कूटी में पेट्रोल भरवाकर स्कूल पहुंचेगा। पूनम स्कूल पहुंच गई। इधर, अंशुमान घर पर रखी पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर लेकर जैना पैलेस पहुंच गया। वहां पर वह कुछ देर बैठा रहा और फिर माथे में रिवॉल्वर सटाकर खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर इलाकाई लोग भागकर जैना पैलेस पहुंचे तो वहां पर अंशुमान का लहूलुहान शव पड़ा था। पुलिस ने शिनाख्त कर परिजनों को जानकारी दी तो घर में कोहराम मच गया।

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घर से भाग जाते.ये क्यों किया

अंशुमान के सुसाइड करने की खबर से घर वालों में कोहराम मच गया। पुलिस ने जांच कर शव को पोस्टमार्टम भेज दिया तो मां पूनम समेत अन्य रिश्तेदार पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए। पूनम बेटे के शव को देखकर रोते हुए बोली कि खुद को गोली मारने की क्या जरूरत थी। अगर कोई बात थी तो घर से भाग जाता। खुद को मारने की क्या जरूरत थी।

अपनों की ही जान का दुश्मन बन गया लाइसेंसी वेपन

KANPUR: अंशुमान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर जो हथियार अपनी रक्षा के नाम पर लिया जा रहा है वो अपनों का ही खून बहा रहा है। इससे पहले भी शहर में लाइसेंसी वेपन से खुद को गोली मारने या उनके परिजनों के सुसाइड करने की घटनाएं हो चुकी हैं। सवाल ये भी है कि हथियार खरीदने के बाद कितनी लापरवाही से लोग उसे रखते हैं कि बच्चे भी आसानी से उस तक पहुंच जाते हैं। यानि मामला सुसाइड से ज्यादा लापरवाही का भी है।

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-2018 में अशोक नगर में 8वीं के स्टूडेंट ने खुद को गोली मारी

-चकेरी में बीए स्टूडेंट ने गोली मार किया सुसाइड

- 2014 में नौबस्ता में बीएससी के स्टूडेंट खुद को गोली मारकर दी जान

-नौबस्ता थाने में एलएलबी स्टूडेंट ने लाइसेंसी वेपन से दरोगा की हत्या की

- 2010 चकेरी में 11वीं का छात्र साथी से झगड़ा होने पर पिता की रिवॉल्वर लेकर पहुंचा

--लालबंगला में एक कारोबारी ने खुद को गोली मारकर जान दे दी थी

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- लाइसेंसी वेपन को हमेशा लॉकर में रखें

- जरूरत होने पर ही वेपन को अपने पास रखें

- लॉकर में रखने से पहले उसे अनलोड कर दें

- वेपन पर हमेशा सेफ्टी लॉक लगाए रखें

- रिवॉल्वर है तो उसका पहला चैंबर खाली रखें

- जिससे धोखे से भी वेपन चलने पर अप्रिय घटना न हो।

- वेपन को चलाने की स्थिति आ जाए तो कमर के नीचे टारगेट करें

- अगर बात-बात में गुस्सा आता है तो वेपन से दूर रहें

- किसी भी पार्टी, शादी समारोह में हर्ष फायरिंग न करें

-लाइसेंसी वेपन कभी दूसरे के हाथों में न सौंपें

- बेहद सावधानी के साथ नाल नीचे की तरफ रखकर सफाई करें