- आईआईटी के एक्सपर्ट ने श्री शक्ति डिग्री कॉलेज में एजूकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के दौरान साफ्टवेयर के बारे में बताया

KANPUR:

सीबीएसई व आईसीएससी के स्टूडेंट्स को क्लास 9वीं व 10वीं से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग सिखाई जाती है। जबकि यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स को यह मौका नहीं मिल पाता है। आईआईटी कानपुर ने यूपी बोर्ड के स्टूडेट्स की इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकाल लिया है। प्रूटर साफ्टवेयर की हेल्प से स्टूडेंट्स आसानी से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग सीख जाएंगे। यह जानकारी आईआईटी के एक्सपर्ट प्रशांत कुमार ने श्री शक्ति डिग्री कॉलेज में आर्गनाइज्ड एजूकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के दौरान दी। उन्होंने कहा, हालांकि सिटी के कुछ स्कूलों में यह फैसेलिटी मिल जाती है, लेकिन रूरल एरिया के स्टूडेंट्स को यह फैसेलिटी अभी भी नहीं मिल पाती है। जिनके लिए ये साफ्टवेयर वरदान साबित होगा।

क्लाउड बेस टेक्नोलॉजी है प्रूटर

स्टूडेंट्स प्रूटर से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सी, सी प्लस प्लस, जावा और पाइथन असानी से कॉलेज व स्कूल लेवल पर सीख लेंगे। ट्रेडीशनल कम्पाइलर्स में प्रोग्राम बनाते समय गलती की संभावनाएं अधिक होती हैं। इसमें इंग्लिश में एरर भी आ जाती है। जिसे देखकर स्टूडेंट परेशान हो जाते हैं और उसमें उलझ जाते हैं। जबकि प्रूटर साफ्टवेयर में कोई गलती होती है तो काफी सरल शब्दों में बताई जाती है, जो कि स्टूडेंट्स को आसानी से समझ में आ जाती है। आने वाले टाइम में एरर को हिन्दी में समझने के लिए आईआईटी में रिसर्च चल रही है। प्रूटर क्लाउड बेस टेक्निक पर आधारित है, जिससे इसे किसी भी कॉन्फिगिरेशन के कम्प्यूटर सिस्टम पर किया जा सकता है। कॉलेज मैनेजर विनय त्रिवेदी ने कहा कि आने वाला टाइम अब टेक्नोलॉजी का है आप सभी स्टूडेंट्स को इसके बारे में अपडेट रहना होगा। इस अवसर पर बीएसए की फैकल्टी मेंबर दीप्ति सचान ने आए हुए गेस्ट का वेलकम किया। प्रोग्राम में छाया मिश्रा, पुनीत द्विवेदी, श्याम शुक्ला मौजूद रहे।

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इसलिए खास है प्रूटर

प्रूटर एक इंट्रोडक्टरी प्रोग्रामिंग लर्निग सॉफ्टवेयर है। इसमें एक इंटरफ़ेस होता है, जहां स्टूडेंट प्रोग्रामिंग रिलेटेड प्रॉब्लम्स को भी सॉल्व कर सकते हैं और प्रॉब्लम्स को सॉल्व करते हुए अपने सॉल्यूशन पर इंस्टेंट फीडबैक भी ले सकते हैं। प्रूटर को स्पेशल बनाने के लिए इंस्टेंट फीडबैक के लिए सिस्टम में फीडबैक जेनरेशन टूल्स को इंटीग्रेट करने की कैपेसिटी है। इसके अलावा लर्निग को ईजी बनाने के लिए ग्रेडिंग, प्रॉब्लम क्रिएशन एंड टेस्ट, केस जनरेशन जैसे टूल्स को सिस्टम में शामिल किया गया है।