कानपुर (ब्यूरो)।  सोर्सेज के मुताबिक, कमलेश के कातिल उद्योग कर्मी एक्सप्रेस से कानपुर पहुंचे थे। इसके बाद यहां से बाई रोड लखनऊ गए। हत्यारों तक पहुंचने का सुराग तलाशने के लिए शनिवार को एसटीएफ की एक टीम कानपुर सेंट्रल पहुंची। आरपीएफ प्रभारी से मिलने के बाद एसटीएफ टीम ने दो घंटे तक सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और फिर वापस लौट गई।

पीछे से चौथे कोच में थे

स्पेशल टॉस्क फोर्स की कानपुर यूनिट सैटरडे दोपहर सेंट्रल स्टेशन पर सीधे आरपीएफ प्रभारी के पास पहुंची। टीम हेड ने खुद का इंट्रोडक्शन देते हुए बताया कि वे लखनऊ में हिंदू महासभा नेता की हत्या की जांच के सिलसिले में यहां आए हैं। उन्होंने आरपीएफ प्रभारी से सीसीटीवी कैमरे के फुटेज दिखाने के लिए कहा। एसटीएफ का कहना है कि उनको इनपुट मिला है कि कमलेश तिवारी के कातिल 17 अक्टूबर को उद्योग कर्मी ट्रेन से सेंट्रल स्टेशन आए थे। ट्रेन शाम 7।20 बजे सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म 1 पर पहुंची थी। दोनों कातिल ट्रेन में पीछे से चार नंबर पर लगने वाले जरनल कोच से उतरे थे। जिसे जानने के बाद आरपीएफ प्रभारी ने सहयोग करते हुए उनको सीसीटीवी फुटेज दिखाए।

वलसाड से पकड़ी थी ट्रेन ?

डीजीपी ओपी सिंह पहले ही कमलेश के कातिलों के गुजरात से आने का दावा कर चुके है। इस बीच उद्योग कर्मी ट्रेन से कातिलों के आने की बात सामने आ गई। यह ट्रेन महाराष्ट्र के वलसाड स्टेशन से चलती है। जहां से गुजरात का रास्ता डेढ़ से दो घंटे का है। इससे यह माना जा रहा है कि कातिल वलसाड से ट्रेन पकड़कर कानपुर पहुंचे थे। जहां से वे वारदात को अंजाम देने के लिए लखनऊ गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि रिजर्वेशन कराने से कातिलों की पहचान हो सकती थी। इसलिए वे जनरल कोच में सफर करते हुए यहां आए थे।

टोल के भी फुटेज खंगाले जा रहे

एसटीएफ को जो इनपुट मिला है, उसके मुताबिक कातिल कानपुर सेंट्रल स्टेशन उतरने के बाद रोड के रास्ते लखनऊ गए थे। इसलिए एसटीएफ की एक टीम कानपुर लखनऊ स्थित टोल के भी फुटेज खंगाल रही है। हालांकि एसटीएफ को टोल के फुटेज से क्लू मिलने की उम्मीद बहुत कम है।

'एसटीएफ की टीम सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालने आई थी। उन्होंने जो सहयोग मांगा था, उन्हें दिया गया है। वे किस सिलसिले में आए थे, यह जानकारी नहीं है।'

बीके ओझा, आरपीएफ इंस्पेक्टर

'ऐसा इनपुट मिला था कि कमलेश तिवारी के कातिल ट्रेन के रास्ते कानपुर आए थे। इसलिए सेंट्रल स्टेशन पर सीसीटीवी फुटेज खंगालने गए थे। हालांकि, मामले में अभी कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।'

घनश्याम यादव, एसटीएफ प्रभारी

जांच में मिले ये क्लू

-डीजीपी के मुताबिक, गुजरात से आए थे कमलेश के कातिल

-17 अक्टूबर को ट्रेन से कानपुर सेंट्रल पहुंचे कमलेश के हत्यारे

-वलसाड से चलने वाली ट्रेन उद्योगकर्मी एक्सप्रेस से आए थे

-पहचान न हो, इसलिए बिना रिजर्वेशन के जनरल कोच में बैठे

-पीछे से चार नंबर पर लगे जनरल कोच में थे दोनों कातिल

-वारदात के लिए कानपुर से बाई रोड लखनऊ पहुंचे थे दोनों

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