कानपुर (पीटीआई)। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि शहीद देवेंद्र मिश्रा द्वारा लिखा गया लेटर जिसमें उन्होंने निलंबित चौबेपुर थाना अधिकारी और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच संबंध का आरोप लगाया था। वह पत्र पुलिस रिकाॅर्ड में नहीं है। सोमवार को सोशल मीडिया पर शहीद डीएसपी मिश्रा द्वारा लिखा एक पत्र वायरल हो रहा था। इसमें देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी की शिकायत की थी और विनय पर विकास दुबे के साथ संबंध के आरोप लगाए थे। हालांकि, पत्र में कोई सीरियल नंबर या तारीख नहीं थी।

कही नहीं मिला वो पत्र

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने कहा कि उस पत्र का कोई रिकॉर्ड नहीं था जिसमें मिश्रा पर तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हों। एसएसपी ने कहा कि सीओ बिल्हौर और एसपी ग्रामीण के कार्यालयों में रिकॉर्ड की जांच की गई, लेकिन ऐसा कोई पत्र नहीं मिला।

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस कार्यालय और एसएसपी कैंप कार्यालय सहित अपने स्वयं के कार्यालय के गोपनीय अनुभाग में सभी कार्यालय रिकॉर्ड अच्छी तरह से जांचे गए थे, लेकिन किसी भी पत्र की प्रविष्टि नहीं थी।

लेटर में विनय तिवारी पर लगे गंभीर आरोप

एसएसपी ने कहा, "मैंने खंड से जुड़े क्लर्कों से भी पूछताछ की, लेकिन उन्होंने पत्र के संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार किया।" हालांकि, एसएसपी ने दावा किया कि मामले की जांच चल रही है और आरोपों की जांच के प्रयास जारी हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित कथित पत्र के अनुसार, मिश्रा ने लिखा था कि दुबे पर एक मामले में दंगा, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने कहा, "स्टेशन अधिकारी द्वारा इस तरह से कुख्यात अपराधी के प्रति सहानुभूति दिखाना और कोई कार्रवाई नहीं करना विनय तिवारी की ईमानदारी को सवालों के घेरे में लाता है।"

बिकरु गांव में तलाशी कर रही पुलिस

इसने उल्लेख किया कि यह अन्य स्रोतों से भी पता चला है कि तिवारी अक्सर दुबे से मिलने जाते थे। एसएसपी को मिश्रा के कथित पत्र में कहा गया है कि अगर स्टेशन अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं करते हैं, तो एक गंभीर घटना हो सकती है। इस बीच, पुलिस ने मंगलवार को बिकरू गांवों में घर की तलाशी शुरू की, जिसमें उन्होंने दुबे से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए।

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