- यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने की पुलिस लाइन में चार प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक

- बैठक में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार कांवड़ यात्रा को अधिकारियों ने मानी बड़ी चुनौती

- एटीएस कमांडों की सुरक्षा में कांवड़ यात्रा सम्पन्न कराने की तैयारी में पुलिस अधिकारी

- कांवड़ यात्रा में अपडेट रहने के लिए लोकल अधिकारी करेंगे वाट्स एप का प्रयोग

Meerut: हर बार आतंकी साए के बीच होने वाली कांवड़ यात्रा पर इस बार दंगे का साया है। अधिकारियों का मानना है कि पिछले साल हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार कांवड़ यात्रा का आयोजन हो रहा है, जिसमें करीब एक करोड़ शिव भक्तों के आने की उम्मीद है। ऐसे में शांति से कांवड़ यात्रा सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन दंगे को अपने लिए बड़ी चुनौती मानकर चल रही है। इसको लेकर अधिकारियों ने पुलिस टीम को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

वेस्ट यूपी पर टिकी हैं निगाहें

लखनऊ में बैठे आला अधिकारियों की निगाहें फिलहाल वेस्ट यूपी में टिकी हैं। खासतौर से मेरठ और मुजफ्फरनगर से शांति से कांवडि़ए अपने जिले के लिए रवाना हों, इसको लेकर पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी लॉ एंड आर्डर मुकुल गोयल ने बताया कि पिछली बार हुए दंगे को मद्देनजर रखते हुए हम इस बार अधिक संख्या में पुलिस फोर्स तैनात करने की तैयारी में हैं, जिसको लेकर हमने केंद्र सरकार से भी फोर्स की मांग की है। उम्मीद है कि केंद्र से फोर्स की उपलब्धता हो जाएगी और कांवड़ यात्रा शांति पूर्ण ढंग से सम्पन्न हो जाएगी।

असमाजिक तत्वों पर होगी कार्रवाई

इस बार रमजान माह और कांवड़ यात्रा दोनो साथ-साथ होने के कारण पुलिस प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती है। मुकुल गोयल ने कहा है कि इस दौरान यदि कोई असमाजिक तत्व उत्पात मचाता है या बेमतलब किसी भी बात पर हंगामा या बवाल कराने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियम कानून का पालन कांवड़ यात्रा के दौरान पूरी तरह पुलिस प्रशासन कराएगा।

कैमरे में कैद होगी एक्टिविटी

हर बार की तरह इस बार भी तीसरी आंख की निगरानी में कांवड़ यात्रा होगी। मेरठ की बात करें तो एडीजी मुकुल गोयल ने दौराला, मोदीपुरम, बेगमपुल, बच्चा पार्क, गढ़ रोड़, मेडिकल, दिल्ली रोड, परतापुर, गंगानगर, मवाना समेत तमाम कांवड़ मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। कुछ सीसीटीवी कैमरे तो पुलिस अपनी ओर से लगाएगी जबकि कुछ कैमरे मुकुल गोयल ने लखनऊ से भेजने की बात कही है। इसके लिए स्क्रीन भी अलग-अलग प्वाइंट पर लगने वाले पुलिस कैंप में लगेगी।

वाट्सअप का भी होगा यूज

एडीजी मुकुल गोयल ने कहा है कि इस बार सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया जाएगा। लोकल अधिकारी वाट्स एप पर एक गु्रप बनाएंगे, गु्रप में कांवड़ यात्रा की ड्यूटी में शामिल सभी मजिस्ट्रेटों को जोड़ा जाएगा। सेक्टर मजिस्ट्रेट के क्षेत्र में जो भी घटना होगी या जो भी माहौल होगा, वे मजिस्ट्रेट तुरंत वाट्स एप पर अपडेट करेगा। वाट्स एप का यूज करने के लिए डीएम और एसएसपी ने अपने-अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।

डीजे पर प्रतिबंध

कांवड़ यात्रा के लिए इस बार भी एक प्लान चारों राज्यों के अधिकारियों ने तय किया है। मुकुल गोयल ने बताया कि डाक कांवड़ पर कोई रोक नहीं है, लेकिन डीजे प्रतिबंधित किया हुआ है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके जिले से हरिद्वार जाने वाली डाक कांवड़ को जाने दिया जाए, यदि डाक कावडि़ए डीजे लेकर जा रहे हैं तो उन्हें नहीं जाने दिया जाए। वहीं हरियाणा और दिल्ली के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया है कि उनके क्षेत्र से आने वाली डाक कांवड़ में कोई भी डीजे नहीं होगा, वे डाक कावडि़यों को अपनी सीमा से बाहर तब जाने देंगे जब डीजे नहीं होगा।

एटीएस रहेगी अलर्ट

कांवड़ यात्रा को लेकर लखनऊ में बैठे अधिकारी कोई रिस्क लेना पसंद नहीं कर रहें हैं, उन्होंने आदेश दे दिया है बम निरोधक दस्ता और एटीएस के कमांडो पूरी निगरानी रखेंगे। शहर की कानून व्यवस्था और सुरक्षा से संबधित पल-पल की जानकारी डीएम और एसएसपी को देंगे। एटीएस टीम के लिए अधिकारियों ने मांग कर दी है।

लोकल स्तर पर रूट डायवर्जन

मुकुल गोयल ने बताया डीएम पंकज यादव और एसएसपी ओंकार सिंह को निर्देश दे दिए गए हैं कि जिस दिन से कांवडि़ये अधिक संख्या में आने शुरू हो जाएं, तब से रूट डायवर्जन और स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी का आदेश दे दें, साथ ही बसों पर भी कुछ दिन के लिए रोक लगा दें।

कांवडि़यों की वेशभूषा में पुलिस

कांवडि़यों की वेशभूषा में पुलिस कांवड़ मार्ग पर तैनात रहेगी। इसके लिए कुछ पुलिस कर्मी और दारोगा की सूची तैयार की जा रही है, दो शिफ्टों में पुलिस कांवड़ मार्ग पर तैनात रहेगी, पहली शिफ्ट सुबह की होगी जबकि दूसरी शिफ्ट शाम की होगी।

थाने में भी रखी जाएगी कांवड़

एडीजी मुकुल गोयल ने बताया कि शहर के हर थाने में एक कांवड़ गंगाजल के साथ तैयार रहेगी, किसी की कांवड़ खंडित हो जाने या फिर किसी और स्थिति में कांवड़ शिवभक्त को सौंप दी जाएगी, ताकि कांवड़ को लेकर किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो।