नई दिल्ली (पीटीआई)। कपिल देव का मानना ​​है कि न्यूजीलैंड में विराट कोहली के फ्लॉप होने की वजह उनकी आंखों की रोशनी कम होना है। इसे दूर करने के लिए विराट को और अधिक प्रैक्टिस की जरूरत है। 31 साल के हो चुके कोहली न्यूजीलैंड में दो टेस्ट मैचों में 9.50 की औसत से सिर्फ 38 रन ही बना सके। वहीं सीमित ओवरों की श्रृंखला में, उन्होंने अर्धशतक सहित सिर्फ 180 रन बनाए। यह विराट का सबसे खराब दौरा है। इसको लेकर पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने एबीपी न्यूज को बताया, "हर बड़े बल्लेबाज के साथ एक दौर आता है। यह उम्र है, 30 साल की उम्र में, हर कोई कहता है कि आंखों की रोशनी कम है और इसका आदी होने में छह महीने से एक साल का वक्त लगता है।'

30 के बाद आंखों की रोशनी होने लगती कम

कपिल देव ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि उन्हें (कोहली) को अपनी आंखों की रोशनी को थोड़ा समायोजित करने की जरूरत है। जब बड़े खिलाड़ी अंदर आती गेंदों पर बोल्ड या एलबीडब्लू होने लगते हैं तो आपको उन्हें और अभ्यास करने के लिए कहना होगा।" विश्व कप विजेता भारतीय कप्तान ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और क्रिकेट के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स जैसे कई बल्लेबाजों को इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। कपिल कहते हैं, 'उम्र के एक पड़ाव पर आपकी आँखें और आपकी सजगता थोड़ी धीमी हो जाती है और कुछ ही समय में आपकी ताकत आपकी कमजोरियों में बदल जाती है। 18 से 24 साल तक आपकी नजर सबसे तेज होती है। लेकिन उसके बाद, यह इस पर निर्भर करता है कि आप इस पर कैसे काम करते हैं। सहवाग, द्रविड़, विव रिचर्ड्स सभी को अपने करियर में समान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसलिए कोहली को और अधिक अभ्यास करने की आवश्यकता है।"

देर में चलता है बल्ला

देव को लगता है कि कोहली को अपनी तकनीक को और कड़ा करने और अधिक अभ्यास करने की आवश्यकता है और कहा कि आईपीएल में खेलने से कोहली को यह सामंज्स्य बिठाने में मदद मिलेगी। कपिल कहते हैं, 'जब आपकी दृष्टि कमजोर हो जाती है तो आपको अपनी तकनीक पर काम करना पड़ता है। वही गेंद जिस पर आप टाइमिंग के साथ शॉट लगाते थे अब उसे देर से खेलने लग जाते हैं।' हालांकि कपिल देव का मानना है कि आईपीएल खत्म होते-होते विराट इस तकनीक पर सुधार कर लेंगे।

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