- 14 सितंबर तक करमा महोत्सव का होगा आयोजन, तैयारियां शुरू

-आदिवासी समाज के लोग एक सितंबर से आइश बोरोम का पालन करेंगे

- 9 सितंबर से करमा पर्व के लोकगीत गूंजेंगे जमशेदपुर की फिजाओं में

JAMSHEDPUR: आदिवासी बहुल इलाकों में करमा पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है। गुरुवार, यानी एक सितंबर से ही इस पूजा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। आदिवासी समाज के लोग एक सितंबर से आइश बोरोम का पालन करेंगे। इसके तहत आदिवासी बहुल इलाकों में गुरुवार से मांसाहारी भोजन का त्याग कर शाकाहारी भोजन किया जाएगा। ऐसा अगले क्क् दिनों तक किया जाएगा। क्ख् सितंबर को करमा पूजा का दिन होगा, लेकिन मानगो, सीतारामडारे, बागुनहातु समेत कई आदिवासी बहुल इलाकों में करमा पर्व की धूम 9 सितंबर से ही शुरू हो जाएगी। खास बात यह कि इस वर्ष मानगो में क्भ् करमा अखाड़ों में करमा पूजा की जाएगी। बताते चलें कि करमा पूजा का आयोजन जमशेदपुर में मुंडा व महतो समाज के लोगों द्वारा खास तौर पर किया जाता है।

दिखेगा खास आकर्षण

सीतारामडेरा, छायानगर, बारीडीह, बागुननगर, बागुनहातु, बिरसानगर, जाहेराटोला, साधुडेरा, सोपोडेरा, घाघीडीह सरीखे इलाकों में हर साल करमा पूजा का खास आकर्षण देखने को मिलता है। इस साल भी तैयारी कुछ ऐसी ही है। तैयारियों को पुख्ता करने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को मानगो में आदिवासी मुंडा समाज की ओर से बैठक कर करमा पूजा के भव्य आयोजन की रणनीति बनी। बैठक की अध्यक्षता देवराज मुंडा ने की। तय किया गया कि यहां 9 सितंबर से करमा पर्व के लोकगीत फिजा में घुल जाएंगे। 9 सितंबर को यहां संगीत गोष्ठी होगी। इसमें मुंडारी में करमा लोकगीत व नृत्य प्रस्तुत किये जाएंगे। जबकि क्ख् को पारंपरिक रीति रिवाज से करमा राजा की पूजा की जाएगी। करमा महोत्सव का जश्न आदिवासी इलाकों में क्ब् सितंबर तक बरकरार रहेगा। मानगो मं हुई बैठक में जगदीश सिंह मुंडा, कर्मसिंह मुंडा, संतोष सामंत, प्रकाश सांडिल, मनीया शंख, जलंधर नाग, पप्पू मुंडा, जयनारायण मुंडा, दीपक शंख, छोटे मुंडा, विशाल सोलंकी, मनोज नाग, राजेश सांडिल, रवीश मुंडा, निपेन मुंडा, रतन सामंत, फुकलू नाग आदि उपस्थित थे।