अब इस बात पर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस ठीक-ठाक मतदान से किसे फा़यदा होगा.

पिछले पाँच वर्षों के दौरान जहाँ भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा रहा, अब सभी की निगाहें चुनाव नतीजों पर होंगी कि क्या केंद्र में भ्रष्टाचारों का सामना कर रही कांग्रेस कर्नाटक में भाजपा की परेशानियों का फ़ायदा उठा पाती है या नहीं.

चिलचिलाती धूप और उमस की वजह से दोपहर तक मतदान केन्द्रों में सन्नाटा रहा.

छुट्टी होने की वजह से शहरी इलाकों में लोग सुबह-सुबह घरों से नहीं निकले जबकि सभी बड़े नेता वोट डालने अपने अपने मतदान केंद्र पहुँच गए. वहीं आयकर विभाग के लोगों नें एक ज्योतिष के घर छापा मार कर लगभग दो करोड़ रूपए जाप्त किए.

ये छापामारी चुनाव आयोग के निर्देश पर हुई. हालाँकि पुलिस का कहना है कि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि क्या इस पैसे का चुनाव से कुछ लेना-देना है.

इससे पहले भी चुनावी प्रचार के दौरान पुलिस नें 17 करोड़ से भी ज्यादा की रक़म जाप्त की है.

शिकायत

बेंगलुरु के जेसी नगर के इलाके में कई लोगों को शिकायत थी कि वोटर आईडी कार्ड होने के बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से ग़ायब हैं. ये लोग अपने कार्ड लेकर मतदान केंद्र पहुंचे मगर उन्हें मत डालने की इजाज़त नहीं दी गयी.

वहीं आरटी नगर के इलाके में एक मतदान केंद्र के बाहर जमा लोगों नें कहा कि वो अब बदलाव के लिए मत डाल रहे हैं. यहाँ जमा लोगों को भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा तो लगता ही है, साथ ही वो मानते हैं कि राजनितिक दलों नें बंगलुरु शहर के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है.

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा उत्साह देखा गया. बंगलुरु से 22 किलोमीटर दूर मानडूर इलाके में दो दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हलकी झड़प भी हुई. ये वो जगह है जहाँ बंगलुरु महानगर का कूड़ा फेंका जाता है. लोग इस इलाके में कूड़ा फेंके जाने का विरोध कर रहे हैं.

अपने विधान सभा क्षेत्र शिमोगा में मत डाल कर बाहर निकले पूर्व मुख्यमंत्री बी येदियुरप्पा नें दावा किया है कि उनका दल पूर्ण बहुमत लाने की स्थिति में है. ऐसे ही दावे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नें भी किये हैं.

बेंगलुरु के एक मतदान केंद्र में भाजपा नेता वेंकैया नायडू जब अपना मत डालने पहुंचे तो एक बुज़ुर्ग नें उन्हें लाइन में आने को कहा. नायडू लाइन में लगे और फिर उन्होंने अपना मत डाला.

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