इस्लामाबाद (पीटीआई)। भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी, जिसका उद्घाटन शनिवार को सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले किया जाएगा। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को यह बात कही है। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने एलान किया था कि भारतीय सिखों को केवल गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने के लिए एक वैध आईडी की आवश्यकता होगी।

पाक सेना ने दिया देश की सुरक्षा का हवाला

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार को मीडिया से कहा, 'देश की सुरक्षा का भी ख्याल रखना है और उसी के चलते भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट आधारित पहचान पर ही पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी। सुरक्षा या संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा। बता दें कि बुधवार को, भारत ने पाकिस्तान से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या करतारपुर साहिब जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी सेना ने यह जवाब दिया है। खान ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'भारत से करतारपुर की तीर्थयात्रा आने वाले सिखों के लिए मैंने दो आवश्यकताओं में रियायत दी है। पहला-उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, उनके पास बस एक वैध आईडी होनी चाहिए। दूसरा-उन्हें अब 10 दिन पहले पंजीकरण नहीं करना होगा। साथ ही, उद्घाटन के दिन और गुरुजी के 550वें जन्मदिन पर उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।' गौरतलब है कि 12 नवंबर को पड़ने वाले गुरु नानक की 550 वीं जयंती मनाने के लिए कॉरिडोर की स्थापना की गई है।

Kartarpur Corridor: उद्घाटन से पहले 1,303 सिख तीर्थयात्री करतारपुर साहिब रवाना

प्रत्येक तीर्थयात्रियों से लिया जाएगा 20 डॉलर

बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा। भारत और पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब में वीजा-मुक्त यात्रा करने की अनुमति देगा। यह समझौता प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति देगा, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। प्रत्येक तीर्थयात्रियों को शुल्क के रूप में 20 डॉलर का भुगतान करना होगा, हालांकि भारत ने पाकिस्तान से भारतीय तीर्थयात्रियों से शुल्क नहीं लेने का अनुरोध किया है।

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