कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Karwa Chauth 2021 : करवा चौथ पूरे देश में कार्तिक मास (कार्तिक मास) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (चौथे दिन) को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन अक्सर अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है। महिलाओं को इस व्रत का बेसब्री से इंतजार रहा है। इस साल करवा चौथ 24 अक्टूबर, दिन रविवार को पड़ रहा है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक दिवसीय निर्जला उपवास रखती हैं। दृक पंचाग के मुताबिक 24 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि सुबह 03:01 बजे शुरू होगी और यह 25 अक्टूबर को सुबह 05:43 बजे समाप्त होगी। करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहते हैं जिससे चन्द्रमा को जल अर्पण, जो कि अर्घ कहलाता है, किया जाता है। पूजा के दौरान करवा बहुत महत्वपूर्ण होता है।

चांद को अर्घ देने के बाद तोड़ा जाता है व्रत
करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी एक ही दिन होते हैं। इस दिन भगवान गणेश के लिए उपवास करने का भी दिन होता है। विवाहित महिलाएं पति की दीर्घ आयु के लिए करवा चौथ का व्रत पूरी निष्ठा के साथ करती हैं। महिलाएं अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं। करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है।

उत्तर भारत में ये काफी लोकप्रिय त्योहार है
करवा चौथ विशेष रूप से उत्तर भारत में हिंदू महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय और महत्वपूर्ण दिन है। करवा चौथ मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों में मनाया जाता है। बड़ी संख्या में करवा चौथ की परंपरा का पालन करने वाले पंजाबी परिवारों के कारण दिल्ली और एनसीआर में भी यह महत्वपूर्ण दिन है। करक चतुर्थी पर किया जाने वाला व्रत और पूजा मुख्य रूप से देवी पार्वती को समर्पित है।

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