कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Karwa Chauth 2022 : करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता हैं। इस साल यह 13 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। करवा चाैथ के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना हेतु पूरे दिन व्रत रखती हैं। इसके बाद शाम को चंद्र का दर्शन के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं। ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद डाॅ. त्रिलोकीनाथ के मुताबिक इस व्रत में शिव जी, माता पार्वती एवं गणेश जी की भी पूजा होती हैं। शिव जी की कृपा से व्रत करने वाली महिलाओं के पति की आयु बढ़ जाती हैं। शिव जी की कृपा से अल्पायु योग नष्ट हो जाता हैं। मां पार्वती के आशीर्वाद से दोनों के बीच प्रेम रहता है और गणेश जी की पूजा से दांपत्य जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं।

पूजा सामग्री
एक चाैकी, पूजन थाली, गढ़वी (ग्लास), गाय का गोबर, करवा चौथ कहानी पुस्तक, मिठाई, सिंदूर, लाल धागा (कलावा), करवा, सास के लिए उपहार, अगरबत्ती, माचिस, पान के पत्ते, घी या तेल, अक्षत, फूल, चंदन, रोली, महावर, रुपये, फल, कपूर, दीया आटा से बना, चांद देखने के लिए छलनी या छन्नी, थाली को ढकने के लिए लाल या गुलाबी कपड़ा।


पूजा व व्रत विधि
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह से निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को सोलह श्रृंगार करने के बाद शिव जी, मां गौरी और गणेश जी की पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्र देव के उदय होने के बाद उनकी पूजा करती हैं और अर्घ देती हैं। चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके उपवास खाेलती हैं। इसके अलावा बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं।

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