दिल्ली जाकर मांगेंगे मदद
उमर ने जो बैठक बुलाई है, इसमें राज्य के ताजा हालात पर चर्चा और सरकार के राहत बचाव कार्यों की जानकारी दी जायेगी. इसके अलावा राज्य के मंत्रियों का एक डेलिगेशन दिल्ली भी आयेगा, जो केंद्र सरकार से मुलाकात करेगा. जम्मू-कश्मीर के नेता केंद्र को राज्य की स्थिति और राहत बचाव कार्य के बारे में जानकारी देंगे. इसके अलावा ये दल केंद्र से और मदद भी मांग सकता है. श्रीनगर में हालात सबसे ज्यादा खराब बताये जा रहे हैं. राज्य में हर तरफ तबाही का मंजर है. लोगों को सबसे ज्यादा इस बात की चिंता है कि पानी घटने के बाद वे अपने बिखरे हुये घर को कैसे संभालेंगे.

पानी हो रहा कम

बताया जा रहा है कि कल से 2 फीट पानी कम हो चुका है. इसके अलावा शहर के कई इलाकों के रास्ते धीरे-धीरे खुल रहे हैं. बहाकदल से लाल चौक को जोड़ने वाली सड़क खुल गई है. इसके साथ ही हबाकदल को डल लेक से जोड़ने वाली अंदर की संड़क भी साफ हो चुकी है. साउथ श्रीनगर में लैंडलाइन और मोबाइल कनेक्टिविटी बहुत बेहतर हुई है. इसके अलावा ब्राडबैंड की सर्विस भी चलने लगी है.

सामने आयेगी तबाही की तस्वीर
एक ओर जहां, बाढ़ का पानी कम हो रहा है तो दूसरी ओर लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पेट्रोल, दवाइयों की किल्लत अब भी बरकरार है. जम्मू-कश्मीर हाईवे आज फिर बंद है. खाने-पीने की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं. इसके अलावा दूध और साफ पानी भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है. राज्य में आई इस आपदा से निपटने के लिये तीनों सेनाओं के अलावा NDRF और स्थानीय प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य में कई जगहों पर तो पानी कम हुआ है, लेकिन कुछ जगहें अब भी लबालब भरी हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि पानी घटने के बाद ही तबाही की पूरी तस्वीर सामने आ पायेगी.    

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