फैक्ट मीटर

- 05 सेंट्रल जेल हैं केवल यूपी जैसे बड़े राज्य में

- 58 हजार कैदी रखने की है यूपी की जेलों में क्षमता

- 95 हजार से ज्यादा बंदी यूपी की जेलों में हैं वर्तमान में

- 10 हजार से ज्यादा चाहिए जेलकर्मी, करीब 6600 है तैनात

- जेलों में बढ़ाई गयी सुरक्षा, बाकी कैदियों से भी मेलजोल की अनुमति नहीं

- बरेली में बंद हैं नेशनल कांफ्रेंस के नेता एवं पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW : यूपी की जेलों में आमतौर पर आतंकवादी, माफिया और कुख्यात अपराधियों के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाते हैं पर बीते दस दिन के दौरान जेलों में करीब एक हजार किमी दूर से आने वाले बंदियों के लिए सुरक्षा के कुछ ऐसे बंदोबस्त किए गये हैं जो पहले कभी नहीं हुए। दरअसल यूपी की जेलों में बीते आठ दिन से जम्मू-कश्मीर से लाए जा रहे बंदियों को कड़े सुरक्षा घेरे में एयरपोर्ट से जेलों तक लाया जा रहा है। जेलों के भीतर भी उनके लिए ऐसा सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है ताकि कोई भी उनके नजदीक न फटक पाए। अब तक प्रदेश की सात जेलों में कश्मीर से 180 बंदियों को लाया जा चुका है जिनमें से कई कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेता भी हैं।

15 अगस्त से शुरू हुआ सिलसिला

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां के हालात को देखते हुए कई बंदियों को देश के अन्य राज्यों की जेलों में भेजा जाने लगा था। खासतौर पर इस फैसले के बाद कश्मीर में इसका विरोध करने वाले तमाम अलगाववादी नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया था और उनको कश्मीर की जेलों में न रखने का निर्णय लिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत राज्यों को पहले से आगाह करने के बाद बंदियों को भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया। सबसे पहले आगरा जिला जेल में 15 अगस्त को 26 बंदियों को लाया गया था। इसके बाद 16 अगस्त को बरेली सेंट्रल जेल में 20 बंदी लाए गये। अगले दिन 17 अगस्त को लखनऊ जिला जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच कश्मीर से 24 बंदियों को लाया गया। प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल में 18 अगस्त को 20 बंदी लाए गये तो वाराणसी सेंट्रल जेल में 19 अगस्त को 30 बंदियों को लाया गया। वहीं 21 अगस्त को अंबेडकरनगर जिला जेल में कश्मीर से 30 बंदी और आगरा सेंट्रल जेल में आज फिर से 30 बंदियों को लाया गया है।

विशेष विमान से लाए जा रहे

इन सभी बंदियों को वायुसेना के विशेष विमान से कश्मीर से संबंधित जिले या आसपास के एयरपोर्ट पर लाकर स्थानीय पुलिस अधिकारियों की सुपुर्दगी में दिया जा रहा है। खास बात यह है कि इनकी पहचान को छिपाने के लिए बंदियों को लाने वाली वैन में चारों तरफ पर्दा भी लगाया जा रहा है। वहीं जेल परिसर में भी उनको एकांत में अलग बैरकों में रखा जा रहा है ताकि बाकी कैदियों से उनका आमना-सामना न हो सके। सुरक्षा की दृष्टि से जेल के अंदर और बाहर भी पुख्ता बंदोबस्त किए गये हैं। वहां पर अलग से पुलिस फोर्स के अलावा क्यूआरटी भी तैनात की गयी है। खासतौर पर उनको उन बैरकों से दूर रखा जा रहा है जहां पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के आतंकवादी बंद हैं।

बरेली जेल में खास सतर्कता

बरेली सेंट्रल जेल में कश्मीर के अलगाववादी नेता अली मोहम्मद सागर को लाने के बाद खास सतर्कता बरती जा रही है। अली मोहम्मद सागर कश्मीर के प्रमुख दल नेशनल कांफ्रेंस के नेता हैं और वे राज्य सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं। कश्मीर से आए बंदियों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। फिलहाल जेल विभाग के अधिकारी बंदियों के नाम बताने से कतरा रहे है क्योंकि मामला सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़ा होने की वजह से बेहद संवेदनशील है।

अब तक लाए जा चुके बंदी

लखनऊ जेल- 24

आगरा जिला जेल- 26

आगरा सेंट्रल जेल- 30

बरेली सेंट्रल जेल- 20

वाराणसी सेंट्रल जेल- 30

नैनी सेंट्रल जेल- 20

अंबेडकनगर जेल- 30