- डीएम के निर्देश में ट्रेनी आईएएस अफसर करेंगी मामले की जांच

- स्कूल की चीफ वार्डन पर गिर सकती है गाज, बीएसए भी होंगे तलब

<- डीएम के निर्देश में ट्रेनी आईएएस अफसर करेंगी मामले की जांच

- स्कूल की चीफ वार्डन पर गिर सकती है गाज, बीएसए भी होंगे तलब

Meerut: Meerut: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में चीफ वार्डन भले ही सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही हो, लेकिन डीएम ने इस मामले में सख्ती दिखाई है। डीएम पंकज यादव ने पूरे प्रकरण पर गंभीरता जाहिर करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने अपने निर्देशन में इस मामले की जांच एक ट्रेनी आईएएस इशा दूहन को सौंपी है। इसके साथ ही डीएम ने बीएसए को तलब कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

क्या है मामला

दरअसल, पूर्वा अहिरान स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में रह रही छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल प्रशासन की मिली भगत से यहां बाहरी लड़कों को गुपचुप तरीके से एंट्री दे दी जाती है। जिसके बाद छात्राओं की सुरक्षा के नाम पर कुछ भी शेष नहीं रह जाता। सालों से चल रहे इस गंदे खेल का खुलासा तब हुआ जब रविवार को स्कूल की चीफ वार्डन अपनी मौजूदगी में बाहरी लड़कों को दीवार फांदकर स्कूल में प्रवेश करा रही थी। इस बारे में जब वार्डन से जानकारी की गई तो उन्होंने दीवार फांदने वाले लड़कों को स्कूल की छात्रा बताया था। और दीवार कूदने का कारण स्कूल का गेट टूटा हुआ बताया था।

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रातो रात बन गया गेट

एक ओर जहां स्कूल की चीफ वार्डन प्रियंका भारद्वाज के मुताबिक बजट का अभाव में स्कूल का गेट टूटा हुआ था। वहीं खबर छपने के बाद रातोरात स्कूल का गेट भी बनकर तैयार हो गया। दरअसल, प्रकरण पर पर्दा डालने के लिए वार्डन जिस गेट को टूटा हुआ बता रही थी, वास्तव में वह कभी टूटा ही नहीं था।

बयान से पलटी वार्डन

इस संबंध में स्कूल की चीफ वार्डन प्रियंका भारद्वाज से बात की गई तो वह अपने पूर्व में दिए बयान से पलट गई। वार्डन ने कहा कि किसी ने पीछे से मेरे फोटो ले लिए और अखबार में छपवा दिए। इस संबंध में मुझसे बात नहीं की गई। वार्डन को जब उनका रिकार्ड बयान सुनवाया गया तो उन्होंने फोन काट दिया।

स्कूल की दीवार फांदकर बाहरी लोगों का अंदर आना अति गंभीर मामला है। बेटियों की सुरक्षा से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जा सकता है। इस मामले पर जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज यादव, डीएम मेरठ