मेरठ विकास प्राधिकरण 27 हजार वर्ग मीटर में विकसित कर रहा कैटल कॉलोनी

2.60 करोड़ रुपए में विकसित होगी कैटल कॉलोनी, 130 प्लाट्स की योजना

Meerut. शासन की मंजूरी के बाद अल्लीपुर जिजमाना में मेरठ विकास प्राधिकरण पहली कैटल कॉलोनी को विकसित कर रहा है. करीब 27 हजार वर्ग मीटर में प्राधिकरण कैटल कॉलोनी को विकसित कर रहा है जिसमें औसतन 60-60 वर्ग मीटर के 130 प्लाट्स काटे जाएंगे. एमडीए ने कैटल कॉलोनी को डेवलेप करने के लिए गुरुवार को प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर टेंडर अपलोड कर दिया है. आगामी 6 माह में प्राधिकरण कैटल कॉलोनी विकसित कर प्लाट्स आवंटियों को हैंडओवर कर देगा.

जरा समझ लें..

एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मेरठ और बनारस में अवैध डेयरियों को शहर से बाहर खदेड़ने का फरमान जारी किया था. साथ ही कोर्ट ने दोनों शहरों के जिलाधिकारी समेत वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे डेयरी संचालकों को पुनर्वास का बंदोबस्त भी करें. आदेश के अनुपालन में बनारस में न सिर्फ कैटल जोन बना लिया गया बल्कि उसे विकसित कर करीब 250 डेयरियों के लिए प्लाट्स आवंटित कर दिए गए. जबकि मेरठ में डीएम समेत प्रशासनिक अधिकारी कैटल कॉलोनी के विकास को लेकर हाथ खड़े करते रहे.

डेयरी संचालक गए कोर्ट

एक ओर डीएम अनिल ढींगरा ने डेयरी संचालकों को शहर छोड़ने के लिए अल्टीमेटम दे दिया तो वहीं जिला प्रशासन के फरमान के विरोध में मेरठ डेयरी संचालक एसोसिएशन हाईकोर्ट चली गई. यहां हाईकोर्ट ने फौरी राहत देते हुए एसोसिएशन की याचिका को मंजूर करते हुए इसे मुख्य केस के साथ क्लिप कर दिया. डेयरी संचालकों ने हाईकोर्ट को बताया कि वे शहर से बाहर जाना चाहते हैं किंतु मेरठ प्रशासन उनके पुनर्वास के लिए कैटल कॉलोनी विकसित नहीं कर रहा है. जबकि बनारस में कैटल जोन विकसित करते प्लाट्स का आवंटन भी शुरू हो गया है.

डेयरी संचालकों के खुशखबरी

हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक ओर जहां शहर में अवैध डेयरी संचालकों के हौसले पस्त हुए वहीं जिला प्रशासन भी लगातार दबाव बनाए हुए था. ऐसे में गत दिनों डेयरी संचालक और नगर निगम आमने-सामने भी आ चुके हैं. अब प्राधिकरण द्वारा अल्लीपुर जिजमाना में कैटल कॉलोनी विकसित करने की योजना बनने के बाद स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है. पूर्व में ही शहर छोड़कर कैटल कॉलोनी में शिफ्टिंग का वायदा कर चुके डेयरी संचालक इस फैसले से खुश हैं. वहीं लगे हाथों अवैध डेयरियों को भी शहर से हटाया जा सकेगा. हालांकि प्राधिकरण की इस योजना में मात्र 130 डेयरियों को ही शिफ्ट किया जा सकेगा.

एक नजर में..

अल्लीपुर जिजमाना में बनेगी शहर की पहली कैटल कॉलोनी.

27 हजार वर्ग मीटर में विकसित होगी कैटल कॉलोनी.

अर्बन सीलिंग की जमीन पर विकसित हो रही है कॉलोनी.

जिला प्रशासन की स्वामित्व वाली इस संपत्ति का केयर टेयर है मेरठ विकास प्राधिकरण.

कॉलोनी में बनेंगे 130 प्लाट्स.

औसतन 60-60 वर्ग मीटर होगी प्लाट्स की माप.

गुरुवार को विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड हुआ टेंडर.

2.60 करोड़ रुपए में विकसित होगी कैटल कॉलोनी.

13 लाख रुपए है टेंडर की धरोहर राशि.

5700 रुपए है टेंडर फीस.

17 जून से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे टेंडर.

10 जुलाई होगी टेंडर डाउनलोड करने की अंतिम तिथि.

11 जुलाई को खोला जाएगा ई-टेंडर.

6 माह में पूर्ण करना होगा विकास कार्य.

अल्लीपुर जिजमाना में एमडीए कैटल कॉलोनी विकसित कर रहा है. करीब 27 हजार वर्ग मीटर में कैटल कॉलोनी बन रही है. इसमें औसतन 60-60 वर्ग गज के 130 प्लाट्स डेयरी संचालकों को आवंटित किए जाएंगे.

राजकुमार, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण