- परंपरागत कांवड़ों संग सजावटी कावंड़ रहीं आकर्षण का केंद्र

- 101 फीट लंबी पालकी कांवड़ संग नाचते गाते पहुंचे शिवभक्त

बरेली: भगवान भोले के गीतों पर नाचते-गाते कांवडि़यों के जत्थे शहर की सड़कों और हाईवे से गुजरे तो सड़कें भोले के भजनों से गूंज गई। कांवडि़यों की सबसे ज्यादा भीड़ बदायूं रोड पर दिखाई दी। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने उन्हें रोककर प्रसाद स्वरूप सूक्ष्म जलपान कराकर आगे को विदा किया। देर शाम कांवडि़यों के जत्थे जल लेकर शहर के शिवालयों में पहुंचने लगे। सावन के तीसरे सोमवार पर ये कांवडि़या शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे।

हर तरफ भोले के जयकारे

चौपुला से बदायूं रोड पर सड़क के दोनों तरफ सिर्फ कांवडि़यों के जत्थे ही नजर आए। कई जगह कांवडि़यों की सेवा के लिए कैंप और भंडारे का भी आयोजन किया गया था।

पालकी कांवड़ रही आकर्षण का केंद्र

पारंपरिक कांवड़ों के अतिरिक्त सजावटी पालकी और 101 फीट लंबी कांवड़ आकर्षण का केंद्र रही।

भोजीपुर के जत्थे में एक पालकी कांवड़ भी रही। 25 फीट लंबी और आठ फीट ऊंची इस कांवड़ को एक बार में 12 शिवभक्त लेकर चले। देवचरा की पालकी कांवड़ लेकर आ रहे शिवभक्तों ने बताया कि वह यह कांवड़ बीते 20 वर्षो से ला रहे हैं। सोमवार को त्रिवटीनाथ मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

दिखा देशभक्ति का जज्बा

कांवड़ यात्रा में देशभक्ति का भी जज्बा देखने को मिला। चौपुला पुल से लेकर रामगंगा पुल तक के सफर में सैकड़ों कांवड़ें ऐसी मिली, जिन पर कांवड़ पर तिरंगा लगा हुआ था। शहर में से गुजरे ज्यादातर जत्थों के वाहनों पर तिरंगा लगा दिखा।

कागजी साबित हुए प्रशासन के दावे

सावन माह से पूर्व ही जिला प्रशासन ने कांवडि़यों की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्था किए जाने के दावे किए थ। कांवड़ रूट पर ड्रोन कैमरे और वॉच टॉवर बनाकर निगरानी की योजना बनाई थी लेकिन सावन का तीसरा सोमवार तक किसी भी कांवड़ रुट पर न तो वॉच टावर बनाए गए और न ही अब तक ड्रोन कैमरे नजर आए।