रुद्रप्रयाग (एएनआई)। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। कपाट खुलने के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मंदिर के कपाट वर्षों पुराने वैदिक मंत्रोच्चार के बाद खुले है। मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। मंदिर के कपाट पिछले साल 6 नवंबर को छह महीने के लिए सर्दियों के लिए बंद कर दिए गए थे। मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित, केदारनाथ मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे 'चार धाम' कहा जाता है।


केदारनाथ में 12,000, तीर्थयात्रियों को दी जाएगी अनुमति
चार धाम में यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ भी शामिल हैं। आठवीं शताब्दी ईस्वी में जगद गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर 3 मई को वार्षिक चारधाम यात्रा शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 8 मई को खुलेंगे। इस महीने की शुरुआत में, राज्य सरकार ने चार धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया था। बद्रीनाथ में प्रतिदिन कुल 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। इस वर्ष, तीर्थयात्रियों के लिए नकारात्मक COVID-19 परीक्षण रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाना अनिवार्य नहीं है। चार धामों में हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं।

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