स्थापित की गई मूर्ति
कपाट खुलने से पूर्व वहां मौजूद तमाम लोगों के सामने सुबह म् बजकर पांच मिनट पर जिला प्रशासन, मंदिर समिति व तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में पृष्ठ भाग का सीलबंद कपाट खोला गया। गर्भगृह की पूजा व भोग लगा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति गर्भगृह में विधि-विधान के साथ स्थापित की गई। ठीक म् बजकर क्भ् मिनट पर भगवान केदारनाथ के मंदिर का मुख्य कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। बड़ी संख्या में केदारघाटी में मौजूद भक्त महादेव के जयकारे के साथ मंदिर की तरफ बढ़ते रहे। कपाट खुलने के पहले दिन एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने केदार बाबा के दर्शन किए।

पूरे दिन चलता रहा भजन कीर्तन
कपाट खुलने के बाद मंदिर परिसर में पूरे दिन भजन-कीर्तन का कार्यक्रम चलता रहा, जिसमें वहां मौजूद सभी भक्त बीच -बीच में भोले नाथ के जयकारे लगाते रहे। पहले दिन देश के राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली समेत अन्य राज्यों से यहां तीर्थ यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। डीआईजी गढ़वाल रेंज अमित सिन्हा ने बताया कि आस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित अन्य कंट्रीज के श्रद्धालु भी केदार बाबा की राह के लिए निकले हैं।

बारिश ने बढ़ाई परेशानी
मौसम विभाग द्वारा पहले से जारी अनुमान सही निकला। रह-रह कर हो रही बारिश ने श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ाई, हांलाकि उनके ठहरने के लिए केदारघाटी में छोटे-छोटे टेंट लगाए गए हैं। जिस पर बर्फबारी या फिर बारिश का कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। उधर, यात्रा मार्ग पर की गई आधी-अधूरी तैयारी ने भी यात्रा पर निकले भक्तों को खासा परेशान किया। कई लोगों ने तो साफ कहा कि जिस गति से काम होना चाहिए था नहीं हुआ। बर्फबारी के चलते कई स्थान पर सड़कों का हाल बुरा था। पुलिस व एसडीआरएफ के जवान जरूर अपनी जिम्मेदारी को मुस्तैदी के साथ निभाते देखे गए।