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DEHRADUN: केदारनाथ यात्रा के लिए बहुप्रतीक्षित हेली सेवा थर्सडे सुबह शुरू हो गई. पहले दिन 500 से अधिक यात्रियों ने हेलीकाप्टर से बाबा केदार के दर्शन किए. दूसरी तरफ सैकडों यात्री हेलीकॉप्टर का टिकट मिलने के इंतजार में फांटा, सेरसी और गुप्तकाशी हेलीपेड पर कतारों में खड़े रहे. फिलहाल टिकट ऑन स्पॉट ही बेचे जा रहे हैं, ऐसे में पहले ही दिन टिकट में धांधली का आरोप लगाते हुए यात्रियों ने हंगामा भी किया. हालांकि हेली कंपनियों और प्रशासन का कहना है कि फिलहाल पहले आओ पहले पाओं के आधार पर ही टिकट बेचे जा रहे हैं. अगले 10 दिन यही व्यवस्था चलेगी.

पांच ही कंपनियां शुरू कर पायी सेवा
केदारनाथ के लिए उड़ान की अनुमति मिलने के बाद पहले दिन सिर्फ 5 की कंपनियां हेली सेवा शुरू कर पायी. इनमें पवन हंस, यूटी एयर, आर्यन, हिमालयन और ऐरो कॉप्टर ने पहले दिन अपने विमान उड़ाए. दो कंपनियां थंबी और इंडोकाप्टर पहले दिन अपने विमान नहीं उड़ा पायी. इसकी वजह एक कंपनी के पास पायलट नहीं होना और दूसरी का हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचना बताया जा रहा है. ये दोनों कंपनियां भी आज से उड़ान चालू कर सकती है.

पवन हंस के ऑफिस में हंगामा, यूटीएयर ने मांगी एक्सट्री हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति
पहले दिन फांटा में पवनहंस कंपनी के टिकट बुकिंग काउंटर पर कई बार हंगामा हुआ. वहां कभी रसूखदारों को पहले टिकट देकर रवाना कर देने तो कभी बुजुर्गो को इंतजार कराने को लेकर हंगामा होता रहा. पुलिस भी मौके पर मौजूद रही. बड़ी संख्या में यात्री रात तक टिकट काउंटर पर कतारों में लगे रहे. बीच बीच में मौसम खराब होने की वजह से पवन हंस के पुराने हेलीकॉप्टर निर्धारित क्षमता में उड़ान भी नहीं भर पा रहे थे. ऐसे में वहां कतार बढ़ती गई. दूसरी तरफ अपने तेज तर्रार हेलीकॉप्टर के साथ मौजूद यूटी एयर ने पहले दिन यात्रियों को जमकर दर्शन कराए .यूटी एयर की फास्ट सेवा को देखते हुए वहां सबसे अधिक यात्री पहुंच रहे थे. यात्रियों की संख्या को देखते हुए यूटी एयर ने अधिक से अधिक को फायदा पहुंचाने के उद्देश्यय से सिविल एविएशन डिपार्टमेंट को एक एक्स्ट्री हेलीकॉप्टर उड़ाने की परमीशन मांगी है. हालांकि अभी तक अनुमति नहीं मिल पाया है. अगर अनुमति मिली तो यूटी एयर दो हेलीकॅाप्टर उड़ाएगा.

सात दिन देरी से शुरू हो पायी हेली सेवा
केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू होने के इंतजार में कपाट खुलने के पहले से ही यात्री गौरीकुंड और फांटा,गुप्तकाशी के आसपास होटलों में ठहरे हैं. बुजुर्गो को इस सेवा की सबसे अधिक जरूरत है. 9 मई को केदारनाथ के कपाट तो खुल गए लेकिन हेली सेवा शुरू नहीं हो पायी थी, ऐसे में यात्रा करने आए हजारों लोग कई दिन से हेली सर्विस स्टार्ट होने के इंतजार में होटल्स में ठहरे हुए थे. थर्सडे को ज्योंही डीजीसीए ने क्लीयरेंस जारी किया हेली कंपनियों ने सुबह छह बजे ही उड़ान शुरू कर दी. पहले दिन करबी 70 राउंड हो पाए.

जिस कंपनी के पास पायलट ही नहीं उसे कैसे मिला टेंडर
हेली सेवा की टेंडरिंग में एक बड़ा खेल उजागर हुआ है. हेली सेवा के लिए जिन कंपनियों को टेंडरिंग में क्वालीफाई किया गया है, उनमें से एक कंपनी के पास सिर्फ एक ही पायलट है. नियमानुसार एक पायलट पूरे माह में 90 घंटे से ज्यादा फ्लाइंग नहीं कर सकता. दूसरी तरफ उस कंपनी को जहां से फ्लाइंग की अनुमति मिली हैं वहां से महीने में करीब 180 घंटे उड़ान संभव हैं. ऐसे में यह कंपनी एक पायलट के साथ विमान उड़ाती है. तो महीनें में 15 दिन उसका हेलीकॉप्टर ग्राउंड पर ही रहेगा. ऐसी कंपनी को टेंडर देना समझ से परे नजर आ रहा है.

टिकट बुकिंग के बंटवारे पर कलह बरकरार

सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने हेली सेवा शुरू करने के साथ ही 26 मई से सरकार की निर्धारित शर्तो पर ही उड़ान करने की बाध्यता रखी थी. जिसमें 25 मई तक को हेली कंपनियों को खुद टिकट बुकिंग कर यात्रा कराने की छूट दी गई है, लेकिन 26 मई से ऑन लाइन बुकिंग शुरू करने की शर्त रखी है. साथ ही 70 प्रतिशत बुकिंग सरकार या सरकारी एजेंसी के जरिए और 30 प्रतिशत कंपनी को करने का अधिकार होगा. धीरे धीरे 100 प्रतिशत बुकिंग सरकार करेगी. हेली कंपनियों को सरकार के बुकिंग पर ही यात्रा करानी होगी,जिसके बदले सरकार उन्हें पेमेंट करेगी. हेली कंपनियां इसे केरिट एक्ट का उल्लंघन बताकर विरोध कर रही है.एक तरफा डिसीजन: हेली कंपनियों का आरोप है कि टिकट बुकिंग के रेशियो को लेकर सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने 14 मई को देहरादून में एक बैठक बुलाई थी,जिसमें सिर्फ एक कंपनी का प्रतिनिधि पहुंचा था. बाकी कंपनियों के प्रतिनिधि केदारनाथ में डीजीसीए की टीम के साथ फील्ड इंस्पेक्शन में बिजी थे.बिना कंपनियों की सहमति लिए विभाग ने टिकट बुकिंग को लेकर एक तरफ डिसीजन कर लिया. जिससे अवगत कराने के लिए फ्राईडे को फिर हेली कंपनियों के पदाधिकारियों को देहरादून बुलाया गया है.

बुकिंग का विवाद नहीं सलटा तो प्रभावित हो सकती है सेवा
बुकिंग के रेशियो में बंटवारे पर स्थिति साफ करने के लिए आज सिविल एविएशन विभाग ने एक बैठक बुलाई है. बैठक हंगामेदार रहने के असार है. अगर विवाद आज नहीं निपटा तो हेली सेवा प्रभावित हो सकती हैं. हेली कंपनियों का तर्क है कि सरकार पर उनका पहले से करोड़ों रूपए बकाया है. केदारनाथ आपदा और हिमालय दर्शन योजना का करीब 10 करोड़ रुपए बकाया है.

क्या गारंटी की बुकिंग का अमाउंट समय पर मिल जाएगा
पुराने बकाया का तर्क देकर हेली कंपनियों का कहना है कि वे दूसरी बार रिस्क नहीं ले सकते. 70 प्रतिशत बुकिंग सरकार या सरकारी ऐजेंसी के जरिए होने पर पमेंट उनके खाते में जाएगा. ऐसे में उन्हें किसी भी लापरवाही या गलती में फंसाकर पेमेंट अटकाया जाने का खतरा है. सरकार बुकिंग भले खुद करे, लेकिन पेमेंट सीधे कंपनियों के खाते में जाए तो वे सरकार के निर्धारित रेशियो या फिर दूसरी शर्त मामने पर विचार कर सकते हैं. एक तो पिछले वर्ष की तुलना में किराया घटाया गया है, दूसरी तरफ अगर पेमेंट भी उन्हें नहीं मिला तो वे कैसे सरवाइव करेंगे.

इन कंपनियों की सेवाएं शुरू

पवनहंस,

आर्यन,

यूटी एयर,

हिमालयन हेली,

ऐरो काप्टर

आज शुरू हो सकती हैं

इंडोकॉप्टर

थंबी