एकता के इस शो की खासियत रही है कि इस शो के पिछले सीजन में भी उन्होंने क्लाइमेक्स को उस मुकाम पर छोड़ा था कि अगले सीजन का इंतजार बेसब्री से हो, ऐसे में तीसरे सीजन में वह सबकुछ है, जिसका इंतजार दर्शकों को था। प्यार, रिश्ते,दोस्ती और इन सबके बीच सबकुछ अलग होते हुए भी, मतभेद होते भी परिवार का होना। इस बार कहने को हमसफर हैं में प्यार गुस्से की आग में जल रहा है, लेकिन फिर भी परिवार के बीच प्यार है। अनन्या, रोहित और पूजा की इस त्रिकोण प्रेम कहानी में प्यार की जीत होती है, अंजाम इस बार क्या होता है। जानने के लिए पढ़ें पूरा रिव्यू।

शो का नाम: कहने को हमसफर हैं सीजन 3

कलाकार: मोना सिंह, गुरदीप पुंज, रोनित रॉय, अदिति वासुदेव, अपूर्व अग्निहोत्री, पलक जैन, पूजा बनर्जी, सुचित्रा पिल्लई

निर्माता और क्रिएटर: एकता कपूर

राइटर: जया मिश्रा

डायरेक्टर: अभिजीत दास और दीपक चवन

ओटीटी चैनल: ऑल्ट बालाजी, जी 5

रेटिंग : 3.5 STAR

क्या है कहानी: कहानी वहीं से शुरू होती है, जहाँ खत्म होती है। अनन्या ( मोना सिंह ) रोहित की एक गलती या यूं कहें गलतफहमी की शिकार होती है और रोहित को छोड़ कर दूर चली जाती है। अब चार साल बीत चुके हैं, अनन्या कबीर की मां भी बन चुकी है। इधर रोहित ( रोनित रॉय) अनन्या से अपनी गलती को सुधारने का मौका मांग कर थक चुका है। अब वह गम में मॉडर्न देवदास बन गया है। उसे शराब, नाईट क्लब और लड़कियों के शौक हो गए हैं, अनन्या को वह भूल नहीं पाया है। अनन्या को मगर अब तलाक चाहिए। हालात दोनों को एक दूसरे के सामने लाते हैं। पूजा ( गुरदीप) जिन्दगी में आगे बढ़ चुकी है। मोना पूजा में दरार आ चुकी है। लेकिन मोना के बच्चे और पूजा के बच्चे एक दूसरे से जुड़े हैं। कहानी में ट्विस्ट रोहित की नयी गर्ल फ्रेंड अमयारा (अदिति वासुदेव) लाती है। वहीं, निक्की (पलक जैन) की शादी का माहौल है। इस बीच अनन्या और रोहित एक दूसरे का किस कदर सामना करते हैं। क्या दोनों एक बार फिर से एक हो पाते हैं। यह आपको शो देखने के बाद ही पता चलेगा। इस बार लेखिका जया ने शो में इमोशनल कोशेंट को अधिक तवज्जो दी है। रोहित लस्ट का शिकार होते हुए भी अपने परिवार के प्रति अब भी किस तरह समर्पित है. वह किस कदर अकेला हो चुका है। क्या उसे फिर से परिवार से प्यार मिलता है। यह देखना दिलचस्प है।

क्या है अच्छा: इमोशनली टूटे हुए इंसान के रूप में रोहित, अनन्या का स्ट्रगल और इस बीच पूजा, जिसने अपने से कई साल छोटे उम के लड़के से शादी की है। इन सभी उलझे रिश्तों को बेहद बारीकी से और गहराई से दर्शाने की कोशिश की है। परफेक्ट इमोशनल ड्रामा कह सकते इसे।

क्या है बुरा: शो में इस बार गंभीरता अधिक है, मौज मस्ती नामात्र की है। कई बार इमोशन का ओवर लोड भी हुआ है। उन्हें कुछ हद तक कॉमेडी का छौंक देकर कम किया जा सकता था। रोहित( रोनित) का यंग और मॉडर्न देवदास बनना कुछ दृश्यों में खटकता है और बनावटी सा लगता है।

अदाकारी: रोनित रॉय के लिए यह सीजन सबसे चैलेंजिंग रहा है। रोनित के लिए मॉडर्न देवदास बनना काफी टफ रहा होगा। लेकिन उन्होंने इसे बखूबी निभाया है। मोना हमेशा की तरह अपने किरदार के अनुरूप ढली हैं। गुरदीप इस बार और निखरी हैं। पलक जैन क्यूट लगी हैं। कुछ इमोशनल दृश्यों में उन्होंने कमाल का अभिनय किया है। पूजा बनर्जी ने पुराने ढर्रे वाला ही अभिनय किया है। अदिति वासुदेव ने कम दृश्यों में अच्छा अभिनय किया है। उनके लिए और स्कोप होते तो अच्छा होता।

वर्डिक्ट: रोनित, मोना और गुरदीप के फैन्स के लिए सीजन 3 खास सौगात है। इस शो ने अपने फैन्स पहले से ही बना रखे हैं। यानि इसकी लोकप्रियता अब और बढ़ेगी।

Review by: अनु वर्मा

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