केजरीवाल ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के चार जाने माने लोगों ने दिल्ली सरकार को शिकायत की है कि देश में गैस की क़ीमते तय करने के मामले में घोटाला हो रहा है.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आरोपों को ख़ारिज किया और कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों की क़ीमतों का निर्धारण एक तय प्रक्रिया के तहत होता है.

दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इस शिकायत में रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक कॉस्ट शीट नत्थी की गई है जिसके मुताबिक़ कुएं से गैस निकालने की लागत प्रति यूनिट एक डॉलर से भी कम है. रिलायंस ने केजी बेसिन से गैस निकालने के लिए एनटीपीसी के साथ 17 साल का क़रार किया है.

केजरीवाल ने कहा कि गैस को क़रीब 2.3 डॉलर प्रति यूनिट के हिसाब से बेचा जाना था लेकिन रिलायंस ने कुछ मंत्रियों साथ मिलकर जल्दी ही इसे बढ़ाकर चार डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि रिलायंस ने जानबूझकर तेल के कुओं के कम गैस निकालकर गैस की कृत्रिम कमी बना रखी है और अब गैस के दाम प्रति यूनिट बढ़ाकर अब आठ डॉलर करने की तैयारी है.

महंगाई की मार

केजरीवाल ने कहा कि रिलायंस के साथ इस परियोजना में सहयोगी कंपनी बांग्लादेश को दो डॉलर प्रति यूनिट के हिसाब से गैस बेच रही है.

उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से देश में गैस के दाम दोगुना करने की तैयारी की जा रही है जिससे देश में महंगाई चरम पर पहुँच जाएगी. इससे रिलायंस को प्रतिवर्ष 54 हज़ार करोड़ रुपए की आय होगी जबकि देश को महंगाई की मार झेलनी होगी.

उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस और विपक्षी दल चुप क्यों हैं.

केजरीवाल ने कहा कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मोइली को पत्र लिखेंगे.

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