अब तक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव से लेकर तमाम खफा आम आदमी पार्टी सदस्यों की ओर से तानाशाह और मर्जी के मालिक कहे जाने वाले अरविंद केजरीवाल गाली गलौज भी कर सकते है ऐसा एक ऑडियो स्टिंग से साबित करने की कोशिश की जा रही है. वैसे जहां अरविंद के सर्मथक आप नेताओं ने इसे एक गुस्सा और फ्रस्टेशन बताया है वहीं विरोधियों ने भी निजी वार्तालाप कह कर खामोशी साध ली है. फिल्हाल आप का घमासान कहां जाकर खत्म होगा कहना मुश्किल है.  इस बीच आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में पार्टी के दोनों बागी नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के भविष्य पर फैसला हो सकता है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो शनिवार को सुबह 10 बजे से होने वाली इस बैठक में यादव और भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बर्खास्त करने और पार्टी से निष्काषित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा ताकि ये संदेश दिया जा सके पार्टी के विरोध में जाने वाले कद्दावर नेताओं को भी सजा भुगतनी पड़ सकती है.

भूषण ने केजरी को तानाशाह बताया
आम आदमी पार्टी के विद्रोही नेता प्रशांत भूषण ने केजरीवाल को तानाशाह और निरंकुश बताया और उनके साथियों को झूठा. केजरीवाल के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा रहे पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने आप संयोजक के खिलाफ बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. भूषण ने कहा कि इस पूरे विवाद की जड़ केजरीवाल की कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश थी. उन्होंने केजरीवाल को तानाशाह बताते हुए कहा, ‘वे कहते हैं कि मैंने ऐसी किसी जगह काम नहीं किया जहां मेरी नहीं चलती हो. मगर यह पार्टी उस तरह सिर्फ एक आदमी की मर्जी से नहीं चल सकती.’ भूषण ने कहा कि केजरीवाल में कई खूबियां जरूर हैं, लेकिन दो बड़ी कमियां भी हैं. एक तो वे चाहते हैं कि वे जो चाहें वही फैसले लिए जाएं और उसको कोई चुनौती नहीं दे.

बन गई थी सहमति
दूसरी तरफ, केजरीवाल गुट के संजय सिंह, आशुतोष और आशीष खेतान ने प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि एक दिन पहले बैठक के दौरान विद्रोही नेताओं से सहमति बन गई थी और उन्होंने माफीनामे पर दस्तखत भी कर दिए थे. इसके बाद दोपहर दो बजे उन्होंने आधे घंटे का समय मांगा. मगर उसके बाद मुलाकात से इन्कार कर दिया और उनका फोन आया कि उन्हें अरविंद केजरीवाल की किसी बात पर कोई भरोसा नहीं है. संजय सिंह ने इल्जाम लगाया, ‘वे अंदर कुछ और बोलते हैं और बाहर कुछ और.’ उनका कहना है कि शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान विद्रोही पक्ष की सारी मांगें मान ली गई थीं. इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनकी पसंद के लोगों को शामिल करने से लेकर केजरीवाल पर कांग्रेस विधायकों की जोड़-तोड़ के आरोपों तक की लोकपाल से जांच करवाने तक की मांगें शामिल थीं. संजय सिंह के मुताबिक, ‘मगर उनकी असली मंशा केजरीवाल को पद से हटाने की थी.’

विद्रोहियों के विरोध में विधायक
आप के विधायक खुलकर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के खिलाफ आ गए हैं. 58 विधायकों का हस्ताक्षरयुक्त पत्र शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को सौंपा गया. इसमें मांग की गई है कि इन दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर निकाला जाए. इसके लिए शनिवार को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव लाया जाए. शायद सामने आए स्टिंग में केजरीवाल के इतने विश्वास के साथ बोलने और अपने सर्मथक विधायकों के साथ नयी पार्टी बनाने के दावे के पीछे इन्ही लोगों का सर्मथन शामिल है.

क्या है ऑडियो स्टिंग में
ये आप नेता उमेश कुमार सिंह और अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बातचीत का स्टिंग है.
उमेश: आप बाहर रहेंगे तो चीजें कैसी होंगी। आप खुद ही बताइए.

केजरीवाल: अच्छा तुम ही बताओ, तुम्हारे हिसाब से क्या करना चाहिए.

उमेश: सर चीजें कहां तक पहुंची हैं.. मुझे कुछ आइडिया नहीं लग पा रहा है. मैं एक चीज जानता हूं....आपमें वह क्षमता है कि आप बड़ा काम कर सकते हो. और यह भी देख रहा था कि उसमें कुछ लोगों की महती भूमिका आपके साथ हो सकती है. वह योगेंद्र, प्रशांत, आनंद सब लोगों की। सब लोग आपको नेता मानते हैं, मैंने इसमें दोराय नहीं पाई है... लीडर का मतलब होता है कि वह विभिन्न धारा के लोगों को अपने साथ लेकर चले. अगर यह चीज आपने कर दी तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि देश में वैक्यूम है. मोदी के बस की चीज नहीं है. उसे आपने दिल्ली में हराकर दिखा दिया है. आप उससे बड़े नेता बनकर उभर सकते हैं. आप भरोसा रखिए मैं उन लोगों से भी मिलता रहा हूं, कभी भी उन लोगों ने सोचा नहीं होगा कि अरविंद को रिप्लेस करके हमें लीडर बनना है. अरविंद को आगे करके वे सपोर्ट करना चाहते हैं.

केजरीवाल: मैं इस लड़ाई-झगड़े के लिए नहीं आया था. मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है इसमें. आप योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ मिलकर काम कीजिए. आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं. अगर जरूरत पड़ी तो मैं आम आदमी पार्टी छोडक़र अलग पार्टी बनाने की सोच रहा हूं. आप लोग संभालिए आम आदमी पार्टी को. बहुत अच्छी टीम है. प्रोफेसर आनंद कुमार... पिछले चार दिन में प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा ने जो कमीनपंती की है. मतलब इतना कमीना...उन्होंने कहा आरटीआइ लागू करो, हमने कहा ठीक है हम तैयार हैं. कार्यकर्ताओं की सहभागिता, हमने उनकी सारी बातें मान लीं. अब कल वे कहते हैं, ये तो हम बार्गेंनिंग कर रहे थे.

इसके बाद केजरीवाल और भडक़ जाते हैं

केजरीवाल:... इतने कमीने हो तुम लोग... क्या बार्गेनिंग कर रहे हो तुम लोग... इतने घटिया किस्म के इंसान हो तुम लोग... जो कम क्षमता वाली हमारी टीम कह रहे हो ना, यह प्योर आदमी हैं हमारे. हमारे में क्षमता कम हो सकती है, लेकिन हम दिल के काले नहीं हैं. ये लोग दिल के काले और ये लोग एक नंबर के कमीने लोग हैं. तो आपको शुभकामनाएं उमेश.

उमेश: सर ऐसा मत समझिए

केजरीवाल: सुनिए सुनिए...मेरे को इसके ऊपर और कोई चर्चा नहीं करनी है. अब यह देख लेते हैं कि क्या करना है. नहीं तो मैं अपने 67 विधायक लेकर अलग हो जाऊंगा. आप लोग चलाइए आम आदमी पार्टी. मुझे कोई लेना-देना नहीं है.

उमेश: सर प्लीज... देखिए यह मेरी आपकी बात नहीं है. बात पूरे देश की है.

केजरीवाल: यह क्या तमाशा है आपका कि सारे मिलकर चलो. उनसे मिलकर बात करो न...उन सालों ने हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. तुम्हारी अच्छी टीम जो कह रहे हो, उन्होंने हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी दिल्ली चुनाव के अंदर... उनको साथ लेकर चलें.. किसी और पार्टी में होते तो उनके पीछे... लात मारकर पार्टी से बाहर निकाल लेते सालों को. कमीने लोग हैं वे एक नंबर के. तुम्हें पता नहीं है वे क्या हैं.

उमेश: सर इतना नजदीक से तो मैं नहीं देख पा रहा हूं.

केजरीवाल: तो मत बोलिए अगर नहीं देख पा रहे हैं तो. ठीक है.

ये है वो बातचीत जो इस ऑडियो में सुनाई दे रही हैं. बहरहाल ये सही है, गलत है, सच है या झूठ है हम इस पर कोई दावा नहीं नहीं कर रहे. लेकिन जो कुछ भी इस में सुनाई दे रहा है वो इतना तो जरूर है कि ये आहत हुए इंसान की भंड़ास है और जो कहा गया उससे कम से कम केजरीवाल मुजरिम तो साबित नहीं होते.

 

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