क्या कहना है चुनाव आयोग का
इसको लेकर चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने जन प्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) का हवाला देते हुये बताया कि यह मामला नामांकन पत्रों की जांच के दिन ही चुनाव अधिकारी की ओर से तय कर दिया गया था. ऐसे में चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार किरण वालिया के अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया था. गौरतलब है कि उन्होंने अनुरोध किया था कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के नामांकन पत्र आवासीय पते में परिवर्तन के आरोपों के आधार पर खारिज कर दिए जायें.

क्यों है आयोग के जवाब का ये सटीक समय
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरपीए कानून पर गौर करें तो केजरीवाल दिल्ली के मतदाता हैं और इस आधार पर सात फरवरी का चुनाव वो बिल्कुल लड़ सकते हैं. बड़ी बात यह है कि चुनाव आयोग का यह रुख ऐसे समय में सामने आया है, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को ही केजरीवाल से आगामी चुनाव के लिये उनकी उम्मीदवारी को खत्म करने के किरण वालिया के अनुरोध पर जवाब तलब किया है.

क्या कहती हैं किरण वालिया
गौरतलब है कि किरण वालिया ने अरविंद केजरीवाल पर आवासीय पता बदलकर खुद को अवैध रूप से राष्ट्रीय राजधानी के निवासी के रूप में पेश करने का आरोप लगाया है. इसी आधार पर उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग के पास भी अर्जी थी, जिसका जवाब अब उन्हें आयोग की ओर से दे दिया गया है.

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