अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली के भगवान दास रोड पर आवंटित किए गए फ्लैट को लेकर शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में हंगामा भी हुआ था.

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार सुबह फ्लैट लेने से इनकार करते हुए कहा कि अपने शुभचिंतकों की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने सरकारी बंगला न लेने का फ़ैसला लिया है.

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "दिल्ली सरकार द्वारा मुझे आवंटित किए गए घरों से बहुत से सामान्य लोग दुखी थे. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि मैं कोई विशेष व्यक्ति नहीं हूँ. मैं उनकी सेवा के लिए ही हूँ. उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हुए मैंने उस घर को लेने से इनकार कर दिया है और दिल्ली सरकार से छोटा घर तलाशने के लिए कहा है."

केजरीवाल ने आगे कहा, "लेकिन साथियों, मुझे अगल-बगल दो घरों की ज़रूरत होगी, जिनमें से एक को मैं दफ़्तर की तरह इस्तेमाल कर सकूं. इसके बिना मैं प्रभावहीन हो जाऊंगा."

उनका कहना है, "इस राजनीतिक क्रांति के लिए बहुत से लोगों ने निस्वार्थ मेहनत की है. मैं उनके त्याग को व्यर्थ न जाने देने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा."

'वाहनों पर विवाद ग़लत'

हालाँकि केजरीवाल ने यह भी कहा कि मंत्रियों के सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करने पर विवाद सही नहीं है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अपना काम करने के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करना ज़रूरी है.

केजरीवाल ने आगे कहा, "हमने कभी नहीं कहा था कि हम सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करेंगे. हमने कहा था कि हम लाल बत्ती नहीं लगाएंगे और हम अपने वायदे पर कायम हैं."

केजरीवाल को पाँच-पाँच कमरों के दो फ्लैट आवंटित किए गए थे, जिनमें से एक का इस्तेमाल दफ़्तर के रूप में किया जाना था.

विधानसभा, मीडिया और सोशल मीडिया में आलोचना होने के कारण अब केजरीवाल ने भगवान दास रोड स्थित यह घर न लेने का फ़ैसला किया है.

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