- केजीएमयू, पीजीआई फैकल्टी की ओर से भेजा गया प्रस्ताव

- फैकल्टी की कमी का हवाला, चिकित्सा शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी

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LUCKNOW :

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, संजय गांधी पीजीआई, डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और यूपी मेडिकल यूनिवर्सिटी सैफई के डॉक्टर्स की रिटायरमेंट एज बढ़ाने तैयारी शुरूहो गई हैं। इनमें फैकल्टी मेंबर्स की रिटायरमेंट उम्र 65 से बढ़ाकर 70 करने की तैयारी है। इन सभी संस्थानों ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। पीजीआई के चार डॉक्टर्स और दो मंत्रियों के पत्र के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन संस्थानों को प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए थे। जिस पर सभी ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही कैबिनेट इस पर निर्णय ले सकती है।

पिछले माह रखी थी मांग

संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो। आरके शर्मा, बायोस्टेटिक्स के एचओडी प्रो। सीएम पांडेय, माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी प्रो। टीएन ढोल और माइक्रोबायोलॉजी के प्रो। केएन प्रसाद ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से रिटायरमेंट की उम्र 65 से बढ़ाकर 70 करने की पिछले माह मांग की थी। इन डॉक्टर्स ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में फैकल्टी की बेहद कमी है। जबकि पीजी की सीटें लगातार बढ़ रही हैं। इसके साथ ही कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री को इन चारों डाक्टरों के संबंध में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 70 करने के लिए पत्र लिखा था। ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री राजेंद्र प्रताप सिह ने भी मुख्यमंत्री से डॉक्टर्स की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसके मंत्रियों के पत्र के बाद मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ। आदर्श सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए थे।

पीजीआई, केजीएमयू ने भेजा प्रस्ताव

शासन के आदेश के बाद एसजीपीजीआई सहित सभी संस्थानों प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। इन सभी संस्थानों ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगले एक दो वर्षो में बड़ी संख्या में फैकल्टी मेंबर रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने भी कहा था कि चिकित्सा शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 70 करने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। जल्द ही कैबिनेट केजीएमयू, लोहिया व पीजीआई के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर कैबिनेट में डिसीजन ले सकती है।

1200 से ज्यादा हैं डॉक्टर

किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी में ही अकेले करीब साढ़े पांच सौ फैकल्टी मेंबर कार्यरत हैं। दो सौ के करीब लोहिया इंस्टीट्यूट और एसजीपीजीआई में भी इतने ही हैं। रिटायरमेंट एज बढ़ने से इन सभी को फायदा होगा। हालांकि सभी संस्थानों की टीचर्स एसोसिएशन व पीजीआई की फैकल्टी फोरम इस प्रस्ताव का विरोध शुरू कर दिया है।

रिटायरमेंट की उम्र 65 से 70 करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अब आगे शासन को निर्णय लेना है।

- प्रो। दीपक मालवीय, डायरेक्टर, लोहिया इंस्टीट्यूट

वेस्टर्न व‌र्ल्ड में रिटायरमेंट एज 70 है। ऐसे ही यहां भी एज बढ़ाकर टैलेंट को रोक सकते हैं। मामले में शासन से बात चल रही है।

- प्रो। राकेश कपूर, डायरेक्टर, एसजीपीजीआई

हम एम्स को फॉलो करते हैं। एक्सपीरियंस और सैलरी उस के बराबर चाहिए लेकिन एज स्टेट मेडिकल कॉलेज के बराबर करने का प्रयास हो रहा है। इससे यंग फैकल्टी की तैनाती नहीं होगी और आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। रिसर्च से लेकर इमरजेंसी सर्विसेज पर असर पड़ेगा। इसलिए यह ठीक नहीं है।

- प्रो। एमएस अंसारी, सेक्रेटरी, फैकल्टी फोरम, पीजीआई