- फाउंडेशन डे पर मेडिकोज, टीचर्स और कर्मचारियों को मिला सम्मान

- एक्सप‌र्ट्स ने किया रिसर्च कार्य बढ़ाने का आह्वान

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 112वें स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को 94 छात्र छात्राओं को मेडल व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। साथ ही टीचर्स को उनके उत्कृष्ट कार्यो और रिसर्च के लिए सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि व राजस्व परिषद अध्यक्ष प्रवीर कुमार और विशिष्ट अतिथि सीडीआरआई की निदेशक डॉ। मधु गुप्ता, कार्डियोलॉजिस्ट प्रो। मंसूर हसन ने मेडलिस्ट व अन्य लोगों को सम्मानित किया।

मरीज की चाल से समझ लेते हैं बीमारी

चीफ गेस्ट प्रवीर कुमार ने कहा कि यहां के डॉक्टर्स के बारे मे कहा जाता था कि मरीज के क्लीनिक में प्रवेश के दौरान डॉक्टर तक पहुंचने तक ही समझ लेते थे कि उसे क्या बीमारी है। उन्होंने कहा कि समय के साथ तकनीक का समावेश बहुत जरूरी है।

फाउंडेशन डे समारोह में वीसी प्रो। रविकांत ने केजीएमयू के गौरवपूर्ण इतिहास पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि केजीएमयू के विस्तार के लिए और अधिक बजट की आवश्यक्ता है। अब समय है कि इस पर सरकार का कम और एकेडमिक्स का नियंत्रण अधिक हो। इसके लिए अधिक बजट चाहिए। उन्होंने कहाकि अब समय है कि केजीएमयू को इंस्टीट्यूट आफ नेशनल इंपार्टेस का दर्जा दिया जाए।

प्रो। मंसूर ने दिया सफलता का मंत्र

समारोह में जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट प्रो। मंसूर हसन ने अपनी यादों को ताजा करते हुए स्टूडेंट्स को तकनीकी रूप से दक्ष होने का मूलमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान रिसपांसिबल सिटीजन बनने की ट्रेनिंग देता है।

रिसर्च में आगे आएं मेडिकोज

विशिष्ट अतिथि के रूप में सीडीआरआई की निदेशक डॉ। मधु दीक्षित ने चिकित्सा को तकनीकी एवं शोध को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सीडीआरआई के लखनऊ मे आने का बड़ा कारण केजीएमयू था जिससे यहां पर दोनों संस्थान आपस में मिलकर रिसर्च कार्य कर सकें। इस अवसर पर डीन मेडिकल प्रो। आशुतोष कुमार, डीन डेंटल प्रो। शादाब मोहम्मद, डीन नर्सिग प्रो। जेवी सिंह, सीएमएस प्रो। एससी तिवारी, रजिस्ट्रार उमेश मिश्रा, एचओडी एनाटमी प्रो। पीके मिश्रा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

फैकल्टी मेंबर्स व कर्मचारियों को सम्मान

उत्कृष्ट कार्य करने वाले केजीएमयू के डॉ। जीपी सिंह, डॉ अरुण चतुर्वेदी, डॉ। एसएन शंखवार, डॉ। ऋषि सेठी, डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव, डॉ। सौम्या सिंह, डॉ। शैलेंद्र कुमार सक्सेना, डॉ। शीतल वर्मा और डेंटल में डॉ। आरके चक, ज्ञान प्रकाश सिंह, डॉ। लक्ष्य यादव, डॉ। दीप्ति शास्त्री को सम्मानित किया गया। समारोह में राम देव, रैनी चाको थामस, नीरज सिंह, अमित कुमार शुक्ला, मनीष पांडेय, विपुल कुमार एवं रोहित, राम लोटन, राधे श्याम, मिराज अहमद, मुरली तिवारी आदि कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

खिदमत के जुनून ने बनाया टॉपर

केजीएमयू के सबसे प्रतिष्ठित मेडल्स को अपने नाम करने वाले मो। ताबिश को शनिवार को शनिवार को सम्मानित किया गया। मेडिसिन में गोल्ड और सर्जरी में सिल्वर मेडल सहित लगभग 9 मेडल्स से मो। ताबिश को सम्मानित किया गया। हालांकि सबसे प्रतिष्ठित हीवेट मेडल उन्हें कन्वोकेशन के दौरान दिया जाएगा। उनके पिता मो। मोहतशीन मुजफ्फरनगर में जमींदार यानी किसान हैं और उनकी मां बिल्कीश गृहणी हैं। समारोह में उनके पिता और भाई भी पहुंचे और। मो। मोहतशीन ने कहा कि बेटे की कामयाबी पर वे बेहद खुश हैं और इसी तरह बागे बढ़ता रहे। मो। ताबिश ने बताया कि इंसान की खिदमत करना उनका जुनून है और इसी के लिए वह पढ़ते जा रहे हैं।

रिसर्च कर मेडिकल में करना है बड़ा काम

कानपुर निवासी अविनाश डी गौतम ने इस वर्ष चांसलर्स, यूनिवर्सिटी सहित 14 मेडल्स अपने नाम किए हैं। हालांकि चांसलर्स और यूनिवर्सिटी मेडल अगले माह होने वाले दीक्षांत समारोह में दिए जाएंगे। इनके अलावा अन्य 12 मेडल्स से उन्हें शनिवार को सम्मानित किया गया। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं जिन्होंने हमेशा आगे बढ़ने और अपना बेस्ट करने के लिए प्रेरित किया। उनकी मां सुशीला देवी गौतम कानपुर के आर्मी हॉस्पिटल में चीफ नर्सिग ऑफिसर हैं और पिता दिलीप कुमार गौतम बिजनेस मैन हैं।

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मिठाई शॉप ओनर के बेटे को सबसे अधिक गोल्ड

केजीएमयू में बीडीएस में सबसे अधिक गोल्ड मेडल अभिषेक कुमार गुप्ता को मिले हैं। अभिषेक को एचडी गुप्ता गोल्ड मेडल, डॉ। गोविला गोल्ड मेडल, प्रो। एमएन माथुर गोल्ड मेडल, प्रो। केपी चौधरी गोल्ड मेडल सहित 11 गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल व कई सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। अभिषेक ने बताया कि उनके पिता मिठाई बनाते हैं और उनके घर में अब तक कोई भी डॉक्टर नहीं है। उनकी इच्छा था कि बेटा डॉक्टर बने। वह पढ़ाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का निशुल्क इलाज करने के लिए क्लीनिक जरूर डालेंगे।

गांव में खोलेंगे हॉस्पिटल

प्रदीप जैन गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने वाले बीडीएस के मेधावी हमजा परवेज सिद्दीकी ने कहा कि वह और उनका छोटा भाई मिलकर गांव में एक हॉस्पिटल खोलेंगे, जिसमें गरीब मरीजों का इलाज वे नि:शुल्क करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके पिता इंजीनियर थे और बड़ा भाई भी इंजीनियर हैं।

बेटी ने किया नाम रोशन

-सौम्या जौहरी की फोटो

केजीएमयू के बीडीएस की स्टूडेंट सौम्या जौहरी को वेदवती शीला गोल्ड मेडल सहित दो गोल्ड और पांच सिल्वर मेडल्स के साथ कई सर्टिफिट ऑफ आनर से सम्मानित किया गया। वह अपने पैरेंट्स की अकेली बेटी हैं। मुरादाबाद की रहने वाली सौम्या की मां टीचर और फादर मुरादाबाद यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड हैं। सौम्या आगे केजीएमयू से ही एमडीएस कर लोगों की सेवा करना चाहती हैं।

यूजी से पीजी तक टॉपर

फोटो डॉ। रानी राना भट्ट

डेंटल में एमडीएस कर रहीं और टीएन चावला गोल्ड मेडल (बेस्ट पीजी) पाने वाली डॉ। रानी राना भट्ट शिलांग की रहने वाली हैं और उनके माता-पिता बिजनेसमैन हैं। उन्होंने केजीएमयू से ही बीडीएस के दौरान सभी टॉप के मेडल्स पर कब्जा जमाया था और उसके बाद बेस्ट इंटर्न का अवार्ड भी उन्हीं की झोली में गया। अब उन्हें बेस्ट पीजी का अवार्ड दिया जाएगा। डॉ। रानी ने बताया कि वह अभी आगे और पढ़ाई कर रिसर्च करना चाहती है।