- यूपी आरएनएन की लापरवाही पड़ेगी भारी, अभी आधा भी काम नहीं है पूरा

- महिला समाज कल्याण के बजट से बन रही बर्न यूनिट

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बन रही बर्न यूनिट में इलाज इस दिवाली भी मरीजों को नहीं मिलेगा। यह यूनिट सितंबर माह में ही मरीजों के लिए शुरू हो जानी चाहिए थी। लेकिन कार्यदायी संस्था यूपी राजकीय निर्माण निगम लि। की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा। अब तक आधा काम भी पूरा नहीं हो सका है। गौरतलब है कि दीवाली के मौके पर हर साल बड़ी संख्या में लोग दुर्घटनाओं में जलने के बाद केजीएमयू पहुंचते हैं, लेकिन बर्न यूनिट न होने के कारण वापस करना पड़ता है।

महिला कल्याण से मिला था बजट

लंबे समय से केजीएमयू में बर्न यूनिट बनाने के प्रयास चल रहे थे। इस वर्ष जनवरी माह में इस यूनिट के लिए बजट सैंक्संड हो सका। इसके लिए महिला कल्याण विभाग के लक्ष्मी बाई कोष से साढ़े सात करोड़ का बजट मिला था। जिससे इस यूनिट में स्किन बैंक, चार माड्यूलर ओटी, 8 बेड का आईसीयू, एसडीयू, दो बेड की डायलिसिस, सेंट्रल एयर कंडीशनिंग यूनिट बनेंगी। तीन आपरेशन थिएटर में प्लास्टिक सर्जरी का काम किया जाएगा और एक में बर्न के लिए ऑपरेशन किए जाएंगे। शुरुआत में बर्न यूनिट 25 बेड की होगी जिसमें आगे जरूरत पड़ने पर बेड्स की संख्या बढ़ाइर्1 जाएगी।

कई माह पहले होना था तैयार

केजीएमयू के अधिकारियों के मुताबिक इस यूनिट को कई माह पहले ही बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन अब तक यह मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक कुछ बजट मिलने में भी देरी हुई जिसका मेन कारण यूपी आरएनएन की लापरवाही था। फिर भी सितंबर तक हर हाल में मरीजों के लिए यूनिट तैयार हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब भी आधा काम पूरा नहीं हो सका है। मामले में जब इस यूनिट के काम की देखरेख कर रहे प्रोजेक्ट अफसर ओझा ने मामले में जानकारी देने से इनकार कर दिया।

अभी 22 करोड़ का भार सिविल पर

वर्तमान में प्रदेश भर के मरीजों के लिए राजधानी स्थित डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में ही एक 50 बेड की यूनिट है। जो साल भर फुल रहती है। नया मरीज तभी भर्ती हो पाता है जब पहले से भर्ती किसी मरीज की छुट्टी होती है। साल 2004 में 10 बेड से शुरू हुई बर्न यूनिट आज 50 बेडों में तब्दील हो चुकी है लेकिन अन्य अस्पतालों में स्पेशलाइज बर्न यूनिट नहीं बन सकी। जहां बनी भी वहां प्लास्टिक सर्जन न होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता।

बर्न यूनिट का काम चल रहा है। यूनिट तैयार होते ही मरीजों को सुविधा दी जाएगी।

- डॉ। एके सिंह, एचओडी, प्लास्टिक सर्जरी विभाग