- पेशेंट केयर आडियाज पर इनोवेशन के लिए करेगा फंडिंग

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LUCKNOW :

अब संसाधनों के अभाव में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मेडिकोज, रेजीडेंट और डॉक्टर्स के टैलेंट पर ब्रेक नहीं लगेगी। केजीएमयू अब अपनी फैकल्टी, मेडिकोज और रेजीडेंट्स के साथ ही सभी स्टूडेंट व कर्मचारियों को भी पेशेंट केयर के लिए आइडिया देने, इनोवेशन और तकनीक को डेवलप करने का मौका देने जा रहा है। इसमें आने वाला पूरा खर्च केजीएमयू उठाएगा।

केजीएमयू में बनी इनोवेशन काउंसिल

पेशेंट केयर में नई तकनीक की खोज करके मरीजों को बेहतर इलाज देने की दिशा में केजीएमयू ने कदम बढ़ाया है। जिसके लिए उसने एक इनोवेशन काउंसिल का गठन किया है। जिसकी इसी माह एक बैठक भी हो चुकी है। रिसर्च सेल के फैकल्टी इंचार्ज व न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो। आरके गर्ग को नोडल ऑफिसर बनाया गया है।

कोई भी शेयर कर सकेगा आइडिया

प्रो। आरके गर्ग ने बताया कि पेशेंट केयर की दिशा में इनोवेशन के लिए यह सेल बनाई गई है। जिसमें केजीएमयू का कोई भी सदस्य अपने आइडिया शेयर कर सकेगा। उनका आइडिया अगर पेशेंट केयर के लिए बेहतर पाया जाता है तो उसके लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीएसटी) फंडिंग करेगा। इसके अलावा केजीएमयू की रिसर्च सेल और अन्य श्रोतों से भी फंडिंग की व्यवस्था की जाएगी। इससे आइडिया देने वाला का एक रुपया भी खर्च नहीं होगा।

कर्मचारियों को भी मिलेगा मौका

पहली बार है कि केजीएमयू प्रशासन ने इलाज की दिशा में नई खोज के लिए डॉक्टर्स, टीचर्स, स्टूडेंट्स के साथ ही कर्मचारियों को भी मौका देने का निर्णय लिया है। कोई भी इस दिशा में अपने आडिया दे सकता है। जिसके बाद उस पर आगे काम होगा।

कानपुर आईआईटी के साथ होगा एमओयू

कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो। ऋषि सेठी ने बताया कि मेडिकल फील्ड के लोग पेशेंट केयर के लिए नए आइडिया दे सकते हैं। लेकिन उसे तकनीक की शक्ल देने के लिए इंजीनियर्स की जरूरत पड़ेगी। आजकल बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का समय है। डॉक्टर्स को इंजीनियर्स के साथ मिलकर काम करना होगा। इसके लिए जल्द ही आईआईटी कानपुर से एमओयू साइन किया जाएगा। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद कोई भी इनोवेशन का आइडिया आता है तो आईआईटी के इंजीनियर उसका प्रोटोटाइप (मॉडल) तैयार करेंगे। ऐसा एक प्रोजेक्ट एम्स दिल्ली और आईआईटी दिल्ली के बीच चल रहा है। इसके बाद केजीएमयू देश का दूसरा संस्थान होगा जहां पर डॉक्टर्स और इंजीनियर्स साथ मिलकर पेशेंट केयर के लिए काम करेंगे।

बनाई जाएगी इनोवेशन लैब

केजीएमयू इनोवेशन एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए अलग से इनोवेशन लैब भी बनाएगा। जिसमें थ्रीडी प्रिंटर, लेजर कटर के साथ कुर्सियां और मेजे भी होंगी। जिसमें अपने आइडिया को दिखाने और नई खोज के लिए आवश्यक सामान उपलब्ध होगा।

ये भी हैं मेंबर

केजीएमयू में इनोवेशन काउंसिल में 10 सीनियर प्रोफेसरों की टीम रखी गई है। जिसकी अध्यक्षता खुद वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट करेंगे। इसके अलावा सीडीआरआई और आईआईटीआर के निदेशक, एसजीपीआई के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रो। यूसी घोषाल, एकेटीयू से डॉ। सृजन पाल सिंह को भी इस सेल में एक्सटर्नल मेंबर के तौर पर रखा गया है। साथ ही आईआईटी से भी एमओयू की जाएगा।

केजीएमयू में इनोवेशन का एनवायर्नमेंट देने के प्रयास किए जा रहे हैं। फैकल्टी, स्टूडेंट्स, कर्मचारी कोई भी पेशेंट केयर के क्षेत्र में नए आइडिया दे सकते हैं और उस पर आगे काम करने के लिए फंड की व्यवस्था हमारी ओर से की जाएगी।

- प्रो। एमएलबी भट्ट, वीसी केजीएमयू