- केजीएमयू और पीजीआई के डॉक्टर्स ने मिलकर दिया कारनामे को अंजाम

- अब तक 10 मरीजों को ट्रांसप्लांट की जा चुकी है किडनी

LUCKNOW: बाराबंकी के पंकज (ख्फ्) के परिजनों ने महादान देकर तीन मरीजों की जान बचा ली। ख्फ् वर्षीय पंकज का फ्राइडे को एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड हो गया था। इसके बाद पंकज के परिजनों ने उनकी दो किडनी और लिवर दान कर तीन लोगों की जान बचा ली। इस कारनामे को केजीएमयू के डॉक्टर्स ने पीजीआई के डॉक्टर्स के साथ मिलकर अंजाम दिया।

पूरी रात चली कवायद

केजीएमयू के ऑर्गन ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट के डॉ। मनमीत सिंह ने बताया कि पंकज का बाराबंकी में एक्सीडेंट हो गया था। परिजन उन्हें लेकर ट्रॉमा सेंटर आए जहां उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजनों से डोनेशन के लिए बात की गई और वे राजी हो गए। केजीएमयू में शुक्रवार की रात ख् बजे डॉ। मनमीत, डॉ। विवेक और डॉ। अभिजीत चंद्रा की टीम ने मिलकर दोनों किडनी और लिवर को निकाल लिया। इसके बाद पीजीआई में डॉ। मनमीत, डॉ। अंसारी और डॉ। अनिल मंधानी की टीम ने शनिवार सुबह लगभग क्क् बजे दोनों किडनी दो मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया। फिर लिवर को डॉ। अभिजीत दिल्ली के एक अन्य अस्पताल में ट्रांसप्लांट के लिए ले गए।

परिवार का अहम योगदान

डॉ। मनमीत ने बताया कि अब तक केजीएमयू में भ् ब्रेन डेड पेशेंट्स से क्0 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जा चुकी हैं। वहीं, चार मरीजों में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में कोआर्डिनेटर पीयूष और कृष्णा का योगदान सबसे अहम रहा। यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष और ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ। एसएन शंखवार ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट की पूरी प्रॉसेस में पेशेंट के घर वालों का सबसे अहम रोल है। उनकी वजह से ही तीन मरीजों की जान बचाई जा सकी।