-कमिश्नर की रिपोर्ट शासन ने की बड़ी कार्रवाई

-केजीएमयू के पांच और विद्युत सुरक्षा का एक अधिकारी सस्पेंड

-सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति

LUCKNOW: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना पर शासन के आदेश पर छह लोगों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इनमें चार इंजीनियर और एक फार्मासिस्ट सहित पांच केजीएमयू के और एक अधिकारी विद्युत सुरक्षा विभाग का है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर 13 अगस्त को ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के आदेश होने की खबर प्रकाशित की थी।

छह पर गिरी गाज

बुधवार को शासन के आदेश पर केजीएमयू के अधिशासी अभियंता (निर्माण) राम विलास वर्मा व दिनेश कुमार राज, जूनियर इंजीनियर (विद्युत) एसपी सिंह, जूनियर इंजीनियर (यांत्रिक) उमेश चंद्र यादव और प्रभारी फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा प्रदीप निगम को भी सस्पेंड करके उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

जांच में मिली थी लापरवाही

विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट और कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में भी निकलकर आया था कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण इतने बड़े अग्निकांड की घटना घटित हुई थी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय के निदेशक ने अपनी 8 अगस्त की रिपोर्ट में कहा था कि ट्रॉमा सेंटर के दूसरे तल पर बिजली लोड का डिस्ट्रीब्यूशन नियमानुसार नहीं किया गया। साथ ही सर्किट्स में लगे एमसीबी की क्षमता अधिक थी। जिसके कारण शार्ट सर्किट होने के बावजूद एमसीबी ट्रिप नहीं हुई। इसके कारण ही इतनी बड़ी आग लगने की घटना हुई। जिम्मेदार सजग रहते और नियमों का पालन करते तो शायद इस अग्निकांड को रोका जा सकता था।

15 जुलाई को लगी थी आग

पिछले माह 15 जुलाई को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भीषण आग लग गई थी। जिसमें मरीजों को शिफ्ट करने के दौरान उनकी हालत बिगड़ने से लगभग एक दर्जन मरीजों की मौत हो गई। मामले में डीएम, विद्युत सुरक्षा निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट दी थी और फिर कमिश्नर ने इनकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी थी। हालांकि मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया। अब शासन के आदेश पर छह जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।

कमिश्नर के निर्देश पर चार इंजीनियर और एक फार्मासिस्ट को सस्पेंड कर दिया गया है।

प्रो। नरसिंह वर्मा, प्रवक्ता, केजीएमयू