चंडीगढ़ (आईएएनएस)। खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह और उनके संरक्षक पापलप्रीत सिंह ने एक बार फिर होशियारपुर शहर के पास एक गांव में पंजाब पुलिस को चकमा दिया, जहां बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। इस संबंध में एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि अमृतपाल सहित तीन लोगों के साथ एक इनोवा वाहन को पुलिस ने मंगलवार रात एक नाके पर रोका, लेकिन वे अंधेरे में भागने में सफल रहे। पुलिस फगवाड़ा से कार का पीछा कर रही थी। बाद में कार फगवाड़ा-होशियारपुर मार्ग पर गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के पास लावारिस हालत में मिली। वे पैदल भागे।

बिना पगड़ी और मास्क पहने घूम रहा अमृतपाल

पुलिस होशियारपुर जिले के गांवों की घेराबंदी कर दी है और घर-घर जाकर तलाशी अभियान चला रही है। हाई अलर्ट पर रही पुलिस को होशियारपुर और जालंधर जिलों में अमृतपाल की गतिविधियों की सूचना मिली थी। अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह का एक नया वीडियो मंगलवार को सामने आया, जिसमें कथित तौर पर अमृतपाल दिल्ली की एक गली में बिना पगड़ी और मास्क पहने घूम रहा है। एक दिन पहले राज्य के महाधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि पुलिस अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के करीब है।

पंजाब एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा

उच्च न्यायालय एक व्यक्ति द्वारा उसकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया था कि अमृतपाल सिंह जालंधर में "अवैध" हिरासत में था। एडवोकेट जनरल ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया था और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही थी। पंजाब एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है। इस तरह, दिए गए तर्कों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उठाए गए तर्कों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए।

अपना ठिकाना बदल रहा अमृतपाल सिंह

दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद जस्टिस एनएस शेखावत ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत दिखाने को कहा कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में थे। उन्होंने कहा कि राज्य का स्पष्ट रुख है कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से गिरफ्तारी से बच रहा है। अपना ठिकाना बदल रहा है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है।

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