-नाबालिग छात्रों ने किया था प्रधान के बेटे का कत्ल

-सर्विलांस की हेल्प से पुलिस ने किया खुलासा,

<-नाबालिग छात्रों ने किया था प्रधान के बेटे का कत्ल

-सर्विलांस की हेल्प से पुलिस ने किया खुलासा,

BAREILLY: BAREILLY: क्राइम पेट्रोल व सावधान इंडिया जैसे सीरियल पब्लिक को अलर्ट करने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन कई लोग इनसे आइडिया लेकर बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। नवाबगंज के सिजौलिया में पिछले दिनों प्रधान के बेटे की हत्या दो नाबालिग छात्रों ने क्राइम पेट्रोल देखकर ही की थी। दोनों ने फिरौती मांगने के लिए प्रधान के बेटे का अपहरण किया था। पुलिस ने सर्विलांस की हेल्प से मर्डर का खुलासा करते हुए दोनों नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया है।

गेहूं के खेत में मिली थी लाश

प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि क्ब् मार्च की रात में सिजौलिया में मुख्त्यार अहमद के बेटे राशिद की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। राशिद के पिता के पास ढाई लाख की फिरौती के लिए कॉल आई थी। कुछ घंटे बाद राशिद की गेहूं के खेत में लाश मिली थी। मुख्त्यार ने किसी से रंजिश से साफ इनकार किया था। राशिद की जेब से शायरी का पर्चा मिलने से पुलिस की जांच भटक गई थी, लेकिन सर्विलांस की मदद से पूरा मामला खुल गया। राशिद का मर्डर करने वाले दसवीं और नौवीं के छात्रों को पकड़ लिया गया है।

प्रधान के बेटे को किया टारगेट

पूछताछ में दोनों छात्रों ने बताया कि वे क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया जैसे सीरियल देखते थे। वे शराब पीने भी लगे थे और उनके खर्चे लग्जरी हो गए थे। इन्हीं खर्चो को पूरा करने के लिए उन्होंने सीरियल से आइडिया लेकर प्रधान के बेटे की किडनैपिंग का प्लान बनाया। उन्हें उम्मीद थी कि प्रधान से उन्हें आसानी से फिरौती मिल जाएगी। प्लानिंग के तहत उन्होंने जरूरत पड़ने पर मर्डर करने के बारे में भी सोच लिया था।

कुछ दिन पहले मोबाइल किया चोरी

प्लानिंग के तहत ही उन्होंने करीब एक सप्ताह पहले गांव के बुजुर्ग रईस अहमद की शीशम के पेड़ पर टंगी शर्ट से मोबाइल चोरी कर लिया था। दो दिन बाद मोबाइल में एक छात्र ने अपना सिम डाला था, लेकिन बाद में निकाल लिया था। इस सिम से कोई कॉल नहीं की थी। जब राशिद होली की चौकी देख रहा था तो दोनों उसे घूमने के बहाने साथ लेकर नहर के किनारे चले गए। यहां पर अंधेरा होने पर जब राशिद ने घर जाने की जिद की तो उन्होंने मोबाइल दिखाने का बहाना बनाया और फिर गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को जमुनाप्रसाद के खेत में गेहूं के नीचे छिपा दिया था।

फिरौती के लिए की थी कॉल

दोनों ने बताया कि उन्होंने अपहरण तो कर लिया था, लेकिन उनके पास राशिद को छिपाने की कोई जगह नहीं थी, जिससे घबराहट में दोनों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्होंने रईस के मोबाइल से राशिद के पिता को ढाई लाख की फिरौती के लिए कॉल की और फिर फोन काट दिया था। उन्हें लगा था कि प्रधान फिरौती की रकम रखकर चले जाएंगे और उन्हें कोई पकड़ नहीं पाएगा।

पुलिस को किया गुमराह

जब पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो गांव के बच्चों ने ब्लैक कलर की गाड़ी देखी थी। खुद को बचाने के लिए दोनों छात्रों ने इस बात का समर्थन भी कर दिया। ताकि पुलिस गुमराह हो जाए। यही नहीं दोनों ने रईस को भी फंसाने की तैयारी कर ली और कह दिया कि रईस ने छात्र को बुलाया था। यही नहीं रईस का मोबाइल और सिम यूज होने से भी पुलिस का शक रईस पर जा रहा था, लेकिन जब पुलिस ने मोबाइल में छात्रों के द्वारा डाले गए सिम की डिटेल निकाली तो फिर छात्रों को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्हेांने गुनाह कबूल कर लिया।

नाबालिग छात्र शार्टकट रास्ता अपनाने के लिए गलत रास्तों पर जा रहे हैं। वह सोशल मीडिया व टीवी पर देखकर लग्जरी लाइफ स्टाइल जीने की कोशिश करते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें घर से रुपए नहीं मिलते हैं। इसलिए वह क्राइम का रास्ता चुन लेते हैं, लेकिन उन्हें रिजल्ट का पता नहीं होता है। क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल से वे सीख न लेकर गलत रास्ते पर चले जाते हैं। पेरेंट्स को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए।

हेमा खन्ना, साइक्लोजिस्ट