RANCHI : अक्सर लोग जानकारी के अभाव में बीमारियों के सिंपटम्स को इग्नोर कर देते है। जिससे लोगों को यूरोलॉजी से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो जाती है। जानकारी नहीं होने की वजह से लोग यह नहीं समझ पाते कि क्या करें। किडनी, यूरीन, यूरीन ब्लैडर, प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी प्रॉब्लम्स किसी को भी हो सकती है। यूरोलॉजिस्ट्स के अनुसार यूरोलॉजी से जुड़ी बीमारियां एक जन्में बच्चे को भी हो सकती है। वहीं उम्रदराज लोगों में भी ऐसी प्रॉब्लम्स ज्यादा होती है। आजकल देखा जाता है कि ख्भ्-फ्0 वर्ष उम्र के लोगों को किडनी से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो रही है। वहीं पेट में गांठ का होना भी गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है। मॉडर्न लाइफस्टाइल इसकी एक बड़ी वजह है। जिसकी वजह से लोग पर्याप्त मात्रा में पानी भी नहीं पीते है और किडनी से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे है।

संकोच करती हैं महिलाएं

महिलाएं अपनी प्रॉब्लम में संकोच करती है। इसी वजह से किडनी से जुड़ी बीमारियों की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं होती है। ऐसा देखा जाता है कि छींकने या खांसने पर यूरीन निकल आता है तो यह किडनी, यूरीन ब्लैडर की प्रॉब्लम हो सकती है। वहीं किडनी में स्टोन की वजह से उन्हें पेट में दर्द की शिकायत रहती है। यूरोलॉजिस्ट के अनुसार महिलाएं बेहिचक अपनी समस्याएं बताएं तो समय से उनका इलाज हो जाएगा। छिपाने से बीमारियां घातक रूप ले लेती है जिससे मौत तक हो सकती है।

रांची में है पांच यूरोलॉजिस्ट

यूसीकॉन के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी बताते है कि पूरे झारखंड में क्0-क्ख् यूरोलॉजिस्ट है। जो स्टेट के लिए एक बड़ी समस्या है। जिनमें रांची में भ् और जमशेदपुर में करीब 7 यूरोलॉजिस्ट है। वहीं पूरे देश में फ्000 यूरोलॉजिस्ट है। यहां यूरोलॉजिस्टस के नहीं होने से लोग अपना इलाज कराने के लिए दूसरे स्टेट जाते है। वहीं कुछ लोग इलाज के लिए बाहर जाने के नाम से ही अपनी बीमारी नहीं बताते।

अवेयरनेस के अभाव में लोग अपना इलाज नहीं कराते है। सिंपटम्स के अनुसार बीमारियों का पता लगाया जाता है। अगर लोग अवेयर होंगे तो टाइम पर अपना इलाज कराएंगे और डेथ की चांसेज कम हो जाएगी।

डॉ। मुक्ति कांत सेनापति, आर्गनाइजिंग सेके्रटरी, यूसीकॉन